कालाधन के मामले में सरकार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। कालेधन की घोषणा के लिए बनाए गए कंप्लायंस विंडो (अनुपालन खिड़की) के जरिये 31 दिसंबर तक विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने वालों से 2,428.4 करोड़ रुपये का कर वसूला गया है। विंडो के तहत विदेशों में कालाधन रखने वालों द्वारा अघोषित संपत्ति के बारे में 600 से अधिक घोषणाएं की गईं।
चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की आज से शुरू हुई चार दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी ने बेहद दुर्लभ कदम उठाते हुए शीर्ष स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है जिसके तहत आधे से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को या तो पदों से हटा दिया गया है या उनका अन्य पदों पर तबादला कर दिया गया है। बैठक विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में गिरावट रोकने के उद्देश्य से अगले पांच साल के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए हो रही है।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रपट में यह जानकारी दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अपने वार्षिक आर्थिक आउटलुक अपडेट में चीन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की समीक्षा की है। वैश्विक संस्था ने एक ओर जहां चीन की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा है कि इसका पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा वहीं भारत के बारे में कहा है कि और तेज विकास के लिए उसे कड़े आर्थिक सुधारों के दूसरे चरण की शुरुआत करनी होगी।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट की मदद से भारत के चालू खाते का घाटा (कैड) निम्न स्तर पर बना रहेगा लेकिन औद्योगिक उत्पादन और निवेश की वृद्धि दर में सुधार की गति धीमी होने के कारण चालू वित्त के दौरान आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत तक सीमित रहेगी।
यूनान की जनता ने अंतरराष्ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरोपीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री और आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी दी है कि विश्व अर्थव्यवस्था के सामने 1930 जैसी महामंदी का खतरा पैदा हो सकता है।