शिकागो का 1893 में हुआ यह कार्यक्रम सिर्फ एक धर्म-संसद नहीं था। दरअसल कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज के 400 साल पूरे होने का जश्न था। महज धार्मिक विद्वानों का सम्मलेन न होकर यह एक प्रकार से ज्ञान-विज्ञान का कुम्भ था।
ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्रों को लाइव टेलीकास्ट के जरिए भाषण देंगे। इसे स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के तहत रखा गया है।
दिल्ली के जंतर-मंतर पर नेशनल पैंथर पार्टी के सदस्य अमरनाथ यात्रियों पर सोमवार को हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। तभी वहां स्वामी ओम भी पहुंच गए।
इस बुरे दौर में जब दो समुदाय के बीच विश्वास कम होते हुए खत्म होता जा रहा है, उडुपी के कृष्ण मंदिर ने अनोखी मिसाल पेश की है। कल ईद के मौके पर कई मुस्लिम भाइयों ने बांह पर काली पट्टी बांध कर समुदाय पर हो रहे हमलों का मौन विरोध किया था। इससे अलग प्राचीन काल के कृष्ण मंदिर में इतिहास में पहली बार रोजेदारों ने न सिर्फ नमाज पढ़ी बल्कि रोजा भी तोड़ा।