देश में पहली बार अशक्त लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन को भारत सरकार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय करा रहा है।
लेखकों, शिक्षाविदों और कलाकारों का एक समूह आज नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में सामने आया। इस समूह ने असहिष्णुता के प्रतिरोध को एक सिरचढ़े वर्ग की अपनी घटती अहमियत के खिलाफ एक तरह की नौटंकी बताकर खारिज कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मुकदमे को दिल्ली उच्च न्यायायल में स्थानांतरित कर दिया है। समझा जाता है कि शीर्ष अदालत ने यह कवायद किसी तरह के झंझट और विवाद में पड़ने से बचने के लिए की है।
मुख्य न्यायाधीश एच. एल. दत्तू ने बुधवार को नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करते हुए उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश ठाकुर को नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की।
1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया है।
एक तरफ जहां मोदी के समर्थन में जुटाया जा रहा फैन-फेयर, वहीं गुजरात नरंसहार की काली छाया अब भी बरकरार, एलाइंस फॉर जस्जिस एंड अकॉन्टबिल्टी की सक्रियता बढ़ी
एक महीने के भीतर उच्च न्यायालयों के आठ न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिससे देश के उच्च न्यायालयों में रिक्तियों का आंकड़ा बढ़कर इस महीने 392 हो गया। अगस्त में यह आंकड़ा 384 था। यह ऐसे समय में हुआ है जब उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नई नियुक्ति करने या उन्हें पदोन्नत करने का कोई तंत्र नहीं है।
उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड की अनिवार्यता पर बरकरार संशय को खत्म करते हुए आज व्यवस्था दी कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना में पंजीकरण के लिए एकत्र व्यक्तिगत बायोमेट्रिक आंकड़ों को साझा करने से भी प्राधिकारियों पर रोक लगा दी।
सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।