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एमसीडी में हार के बाद ‘आप’ में इस्तीफों की झड़ी, केजरीवाल ने बुलाई बैठक

एमसीडी में हार के बाद ‘आप’ में इस्तीफों की झड़ी, केजरीवाल ने बुलाई बैठक

दिल्ली नगर निगम में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय सिंह सहित आशीष तलवार और दुर्गेश पाठक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे दे दिए हैं।
बसपा को झटका, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल हुए

बसपा को झटका, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल हुए

बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले पाठक का पार्टी छोड़ना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सुलभ के संस्थापक मलाला, ओबामा के साथ विविधता सूची में

सुलभ के संस्थापक मलाला, ओबामा के साथ विविधता सूची में

भारत में अछूत जाति को बराबरी का दर्ज दिलाने और स्वच्छता की दिशा में काम करने वाले सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को ब्रिटेन की एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने अपनी वैश्विक विविधता सूची में शामिल किया है।
रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

रे की फिल्म पर वृत्तचित्र

सिनेमा को चाहने वाले इस साल दिग्गज फिल्मकार सत्यजित रे की पहली फिल्म पाथेर पांचाली के साठ साल पूरा होने का जश्न मना रहे हैं। इसी बीच रे की भारत में कम और यूरोप-अमेरिका में ज्यादा सराही गई फिल्म अरण्येर दिन रात्रि पर एक डॉक्यूमेंट्री रिवाइविंग इमेजरी सामने आई है। पिछले दिनों रांची, झारखंड में इसका प्रीमियर हुआ।
ऑल इज वेल में वेल खोजिए

ऑल इज वेल में वेल खोजिए

भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
फिर आएंगे भेजा फ्राय वाले

फिर आएंगे भेजा फ्राय वाले

भेजा फ्राय और भेजा फ्राय 2 बनाने वाले निर्देशक सागर बेल्लारी ने अपनी नई फिल्म पर काम शुरू कर दिया है। सागर फिल्मों में परिस्थितिजन्य हास्य गढ़ने के लिए जाने जाते हैं। उनकी फिल्मों में संवाद से ज्यादा कलाकारों के हावभाव दर्शकों को गुदगुदाते हैं।
कहानी - आंटी

कहानी - आंटी

दिनेश पाठक चर्चित कथाकार हैं। सभी शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। कुछ कहानियों का अन्य भाषा में अनुवाद भी हुआ है। अब तक उनके नौ कथा संग्रह, दो उपन्यास और एक संपादित पुस्तक प्रकाशित हुई है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में - शायद यह अंतहीन, धुंध भरा आकाश, जो गलत है, इन दिनों वे उदास हैं, रात के बाद, अपने ही लोग, पारुल दी, नस्ल और देखना एक दिन शामिल है।
जासूसी साहित्य के शहंशाह

जासूसी साहित्य के शहंशाह

कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने पिछले बृहस्पतिवार की शाम लोकप्रिय हिंदी साहित्य और उसमें भी जासूसी कथाओं के बादशाह स्तंभ सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक अनौपचारिक बातचीत आयोजित की। हिंद युग्म प्रकाशन के शैलेश भारतवासी और नीला स्कार्फ और हालिया रिलीज मम्मा की डायरी से चर्चित लेखिका अनु सिंह चौधरी ने उनसे बात की और जाना साहित्य की इस विधा को।
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