केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों अपने दौरे और लंच को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन उनके ऐसे कार्यक्रमों से विपक्षी दल उनकी तारीफ नहीं बल्कि किरकरी कर रहे हैं।
कॉमेडियन कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच हाल में हुए झगड़े को लेकर आए दिन चर्चाएं बनी हुई हैं। इस पर कॉमेडियन एवं अभिनेता कृष्णा ने कहा कि दोनों के बीच झगड़ा एक सामान्य बात है लोग दोस्ती में कई बार ऐसे उतार-चढ़ावों से गुजरते हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के समय भोजन कराने वाली नक्सलबाड़ी निवासी गीता और उसके पति राजू ने आज तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि, भाजपा ने इस मामले में टीएमसी पर आदिवासी दंपती का अपहरण कर जबरन पार्टी में शामिल किए जाने का आरोप लगाया है।
साठ के दशक में बंगाल के जिस नक्सलबाड़ी इलाके से पनपा उग्र वामपंथ सोमवार को सीआरपीएफ के 25 जवानोंं की मौत का कारण बना, वहां आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक आदिवासी के घर खान खाते नजर आए।
कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लाने की याचिका की सुनवाई उच्चतम न्यायालय ने बंद कर दी है। न्यायालय ने केंद्र सरकार का यह पक्ष स्वीकार कर लिया कि वह ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस लाने के तरीकों का पता लगा रही है। न्यायालय ने कहा कि हम केंद्र के जवाब से संतुष्ट हैं इसलिए इस मामले में कोर्ट को आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।
भारतीय नागरिक कुलभूषण सुधीर जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी होती है, तो हम उसे सोचा समझा मर्डर कहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जाधव को बचाया नहीं गया, तो यह सरकार की कमजोरी होगी।
अनुसूचित जनजाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आज कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों को आर्थिक और अन्य तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इसे रोकने के लिए एक कानून लाना चाहिए और धर्मान्तरित आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं समाप्त की जानी चाहिए।