सुपरस्टार शाहरूख खान को निकलोडियन्स किड्स च्वाइस अवार्ड्स समारोह में किड्स आइकन ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया है तो वहीं वरुण धवन और आलिया भट्ट को सर्वश्रेष्ठ जोड़ी का पुरस्कार मिला।
देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल कर रख देने वाले 1984 के सिख विरोधी दंगों की रोंगटे खड़े करने वाली दास्तां को कहानियों के रूप में एक नई किताब में पेश किया गया है।
18 साल पहले कांग्रेस महासचिव व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रदेश के दो भाजपा नेताओं ने इस पूरे मसले पर अब यू टर्न ले लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने अदालत को लिखकर दिया है कि दिग्विजय सिंह ने भ्रष्टाचार नहीं किया। वे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं। अदालत में इस स्वीकारोक्ति के बाद दिग्विजय ने दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस वापस ले लिया है।
बॉलीवुड की कई फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड से विवाद होने के बीच फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा है कि निर्माता ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जहां वे किसी समस्या से बचने के लिए विषयवस्तु की प्री सेंसरशिप कर रहे हैं।
उड़ता पंजाब को लेकर इतना हाइप बन गया था कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है जो संस्कारी बोर्ड इसे देश को देखने के लिए मना कर रहा है। अगर सेंसर बोर्ड इतना बवाल न मचाता तो यह बिलकुल साधारण फिल्म बनती।
फिल्म उड़ता पंजाब की रिलीज का मामला काफी गरमा गया है। फिल्मकार अनुराग कश्यप ने कहा है कि फिल्मों को रिजेक्ट करने का हक जनता को होना चाहिए। एक अधिकारी को यह हक नहीं दिया जा सकता। कश्यप ने साफ कहा कि पहलाज निहलानी का व्यवहार निर्माताओं पर भारी पड़ रहा है। अनुराग ने कहा कि पिछले दो साल में जितनी फिल्मेंं ट्राइबुनल में गई, उतनी पहले नहीं गईं। उन्होंने कहा कि जानबूझकर फिल्म रिलीज में बाधा खड़ी की जाती है। इसी बीच पहलाज निहलानी ने कश्यप पर आप से पैसे लेने का आरोप लगाया है।
भारत रत्न लता मंगेशकर और रिकार्ड धारी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मजाक उड़ाने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एआईबी कॉमेडियन तन्मय भट्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। जिसकी जांच की जा रही है। इधर अनुपम खेर और रितेश देशमुख जैसे कई कलाकारों ने इस तरह के मजाक की कड़ी आलोचना की है।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो