हार्दिक पटेल ने पटेल आरक्षण मुद्दे पर उल्टा दांडी मार्च 13 सितंबर तक टालने का एेलान किया है। यह यात्रा कल से शुरू होने वाली थी लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। हार्दिक ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार अगले रविवार तक इजाजत देने में नाकाम रहती है तब भी वह विरोध कार्यक्रम पर आगे बढ़ेंगे।
गुजरात में पटेल आंदोलन की पहचान बने हार्दिक पटेल की तर्ज पर जाट समुदाय ने भी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग तेज करने का फैसला किया है।
पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने समर्थन किया है। गुजरात से निकला आरक्षण का यह जिन्न विधानसभा चुनाव में भी असर डालता दिख रहा है। क्योंकि आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल ने बिहार में भी प्रचार करने की बात कही है। इसके बाद से बिहार की राजनीति करवट लेती दिख रही है।
वीरमगाम के मासूम से दिखने वाले 22 वर्षीय हार्दिक आरक्षण के मुद्दे पर एक ओर सरकार के निशाने पर हैं तो पिछले तीन दिनों से इन्होंने हिंदी में भाषण देकर सुर्खियां भी बटोरी हैं। अब आगे हार्दिक की क्या योजना है इस पर उन्होंने उषा चांदना से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंशः
पटेल आरक्षण की आग में झुलस रहे गुजरात में तनाव बरकरार है। मंगलवार से जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई और राज्य के कई शहरों में स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना तैनात की गई है।
गुजरात में भड़की आरक्षण आंदोलन की आग के पीछे पुलिस की संदिग्ध भूमिका के सबूत हाईकोर्ट को सौंपे गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से पता चला है कि मंगलवार को हुई पटेल समुदाय की रैली के बाद पुलिस ने किस तरह तोड़फोड़ शुरू कर दी थी।