हरियाणा के मुरथल में जाट आंदोलन के दौरान महिलाओं से बलात्कार के आरोपों के बीच सोनीपत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग ने फिर से दावा किया है कि बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई।
जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में महिलाओं के साथ कथित बलात्कार मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय महिला पुलिस अधिकारियों के एक दल का गठन किया गया है। शनीवार को इस जांच दल ने कथित घटनास्थल वाले स्थान का दौरा किया।
मुरथल में कुछ महिलाओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को तीन अधिकारियों के जो नंबर जारी किए उनमें से एक नंबर इंदौर के एक व्यक्ति का था। हरियाणा पुलिस के नंबर जारी करते ही उस व्यक्ति को इस संबंध में शुक्रवार से लगातार फोन आ रहे हैं।
जब जाट आंदोलन से पूरा हरियाणा जल रहा था इसी दौरान सोमवार 22 फरवरी को सुबह मुरथल के पास नेशनल हाईवे-1 पर कुछ यात्रियों की कारों को रोका गया। आरोप है कि कार में बैठी महिलाओं को बाहर खींच कर सामूहिक बलात्कार किया गया। दैनिक ट्रिब्यून अखबार में छपी खबर के अनुसार कारों में से 10 महिलाओं को खींचकर खेतों में ले जाया गया। उनसे बलात्कार कर उन्हें खेतों में छोड़ दिया गया। अखबार के अनुसार ‘सम्मान की खातिर’ अब इनके परिवार वालों को चुप रहने के लिए कहा जा रहा है। पुलिस बलात्कार की घटना को केवल अफवाह बता रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि आंदोलनकारियों को समझना चाहिए कि जेएनयू ही पूरा देश नहीं है और देशद्रोहियों के खिलाफ माहौल बनने से भाजपा को फायदा है
हरियाणा में 35 गैर-जाट समुदायों के नेताओं ने आज चेतावनी दी कि अगर जाट आरक्षण आंदोलन के सिलसिले में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ पार्टी कोई कार्रवाई करती है तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
हरियाणा के हिसार, हांसी और भिवानी शहरों में आज भी कर्फ्यू लगा हुआ है जबकि जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित रोहतक जिले में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रोहतक का दौरा किया जहां हिंसक स्थिति को रोकने में पुलिस की विफलता के विरोध में गुस्साए लोगों ने उनका घेराव किया।
आज सुबह उत्तरी और मध्य दिल्ली के कुछ इलाकों में जल आपूर्ति आंशिक रूप से बहाल हो गई। हालांकि दिल्ली के जलमंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि जब तक हरियाणा के जाट आंदोलन के कारण क्षतिग्रस्त हुई मूनक नहर की पूरी तरह मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक जल आपूर्ति सीमित ही रहेगी।