केंद्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर नियत डाक टिकट निकले जाने का मुद्दा उठाकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके आरोपों में एक तरफ आंशिक सच्चाई है तो दूसरी तरफ राजनीति की गंध भी है।
पंजाब और हरियाणा के अति सुरक्षा वाले, सिविल सचिवालय की इमारत में एक हथियारबंद व्यक्ति हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय पहुंचने के लिए सुरक्षा के कई स्तरों को पार करने में कामयाब रहा। इसके बाद सीआईएसएफ के छह कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट और अंतरदेशीय डाक पत्र बंद किए जाने के फैसले को लेकर आज विवाद शुरू हो गया और सरकार ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार को यह सम्मान नहीं मिल सकता वहीं कांग्रेस ने इस कदम को इतिहास का अपमान बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की।
विदेश जाने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुरोध प्राप्त करने के 21 दिन के भीतर अपने फैसले की सूचना देना जरूरी है अन्यथा यह मान लिया जाएगा कि अनुमति दे दी गई है।