राजनीतिक नेताओं द्वारा बलात्कार के लिए खुद महिलाओं को दोषी ठहराने की परंपरा में गोवा के मंरी दीपक धावलीकर का नाम भी जुड़ गया है। महिलाविरोधी चिंतन की कितना हावी है कि खुलकर महिला को ही अपने ऊपर होने वाली हिंसा के लिए दोषी ठहराया जाता है।
यह एक ब्रांड की तरह ऐसी छवि बनाता है जिससे मुक्त हो पाना लगभग असंभव है। भारत में तो इससे बाहर निकल पाना और भी मुश्किल है क्योंकि यहां हर पड़ोसी के पास खास निगाहें, कान और जुबान है। जहां देखने वाले रात में खिड़की के पर्दों के पीछे से इंतज़ार करते हैं कि कौन कब घर लौटता है। कौन किससे मिलने आ रहा है। ख़ास तौर पर तब जब घर में कोई दूसरा न हो। बलात्कार की पीड़ा भोग चुके लोग खास तौर पर इसे जानते हैं क्योंकि यह जो भी सकारात्मक या रचनात्मक है उस पर धब्बा लगा देता है। सार्वजनिक कामों में इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। अगर ‘पार्क स्ट्रीट बलात्कार पीड़ित’ की बात की जाए तो तब वह एक जीवंत पार्टीपसंद लड़की थी, जिसे नाइटक्लब पसंद थे। उसने एक छोड़ी की भूल की जिसने उसकी सारी ज़िंदगी बदल दी। वैसे भी जीवंत पार्टीपसंद लड़कियां आधी रात के आसपास सबके निशाने पर होती हैं। ख़ास तौर पर तब संदेहास्पद पहचान वाले शिकारी घूमते रहते हैं।
महाराष्ट्र के पूणे में अट्ठावन साल के एक आइएएस अधिकारी को चार नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यहां पुलिस ने यह जानकारी दी है।
सामूहिक बलात्कार की शिकार बुजुर्ग नन को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पीड़िता के साथ यह घटना पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रानाघाट स्थित एक कॉन्वेंट में हुई थी।
कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) के अध्यक्ष बसेलिओस कार्डिनल क्लीमिस कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई कॉन्वेंट स्कूल की सिस्टर सुपीरियर से मिलने बुधवार को यहां पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में बुजुर्ग नन से सामूहिक बलात्कार और हरियाणा में एक चर्च तोड़े जाने की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इन पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
पश्चिम बंगाल में 70 साल की एक नन के साथ कथित बलात्कार और हरियाणा में एक निर्माणाधीन चर्च को गिराए जाने का मुद्दा आज राज्यसभा में उठा और सदस्यों ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि पर चिंता जताते हुए इस पर सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की।