ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रपट में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने कश्मीर को विभाजन के अधूरे एजेंडे का हिस्सा करार देते हुए कहा है कि यदि विश्व बिरादरी क्षेत्र में वास्तविक शांति चाहती है तो उसे लंबे समय से अटके पड़े इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मदद जरूर करनी चाहिए। लंदन स्थित रक्षा और सुरक्षा पर स्वतंत्र थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट को संबोधित करते हुए जनरल शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद की जड़ में कश्मीर है।
भारत को समावेशी वृद्धि और विकास के लिहाज से वैश्विक रैंकिंग में निचले पायदान पर रखा गया है जबकि कारोबारी एवं राजनीतिक आचार-नीति के लिहाज से भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बेहतर स्थिति में है।
महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लंदन स्थित उस तीन मंजिला घर का अधिग्र्रहण करेगी जहां कभी डाॅ. भीमराव अंबेडकर रहते थे। अभी इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं।
सरहद पार से आती है सदा कि सलामत रहे वतन। किसी भी तरह की आतंकवादी वारदात की तपिश कैसे लंदन में सक्रिय संगठनों तक पहुंच रही है, इसका अंदाजा लंदन में सक्रिय बिटिश ऑर्गनाइजेशन फॉर पीपुल ऑफ एशियन ओरिजिन (बोपा) के देवेंद्र प्रसाद से बातचीत में होता है
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ब्रिटेन में रहने वाले उस सिख अलगाववादी नेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती थीं जिस पर इंदिरा गांधी की हत्या के लिए उकसाने का आरोप था। लेकिन राष्ट्रमंडल नागरिकों के बारे में ब्रिटेन के एक कानून के कारण वह उस सिख को प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध को पूरा नहीं कर पाईं थीं। गुरुवार को सार्वजनिक किए गए गोपनीय दस्तावेजों में यह बात सामने आई है।
लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
देश के सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने एमेच्योर (शौकिया) मुक्केबाजी को छोड़कर अब पेशेवर मुक्केबाजी को अपना लिया है। इसका अर्थ यह है कि अब विजेंदर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे और अगले वर्ष ओलंपिक में भी भाग नहीं ले पाएंगे। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद विजेंदर भारतीय मुक्केबाजी का चर्चित चेहरा बन गए थे।