मृगेन पटेल ने लिखा कि जेएनयू के कुलपति परिसर में टैंक रखवाने की बात कर रहे हैं तो माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि.वि. के कुलपति परिसर में गौशाला बनवा रहे हैं।
देश भर के स्वायत्त संस्थानो पर मोदी सरकार चोट करने जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा 679 स्वायत्तशासी संस्थानों की समीक्षा के पहले चरण में 114 संस्थानों की समीक्षा कर ली गई है। इस दौरान निशाने पर देश के तीन प्रमुख शिक्षण संस्थान हैं। जिसमें आईआईएमसी, एफटीआईआई और एसआरएफटीआई शामिल हैं।
भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) दिल्ली इन दिनों एक सेमिनार को लेकर विवादों में है। 20 मई को होने वाले इस सेमिनार में पत्रकारिता के मौजूदा हालात पर चर्चा होगी। विवाद का मुद्दा यहां सेमिनार से पहले आईआईएमसी परिसर में होने वाला सामूहिक यज्ञ है। इसे लेकर छात्र समर्थन और विरोध में बंटे नजर आ रहे हैं।
क्षेत्रीय मीडिया की प्रगति के मद्देनजर प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) मलयालम और मराठी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है। संस्थान ने डिजिटल मीडिया के विस्तार को ध्यान में रखते हुए अपने दिल्ली परिसर में एक न्यू मीडिया एंड आईटी विभाग भी स्थापित किया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि समुचित वित्तीय मॉडल का अभाव कई मीडिया संगठनों के लिए एक वास्तविक चुनौती बनी हुई है। यह स्थिति न सिर्फ समाचार की विषय वस्तु को प्रभावित करती है बलिक पेड न्यूज जैसी समस्या का भी मार्ग प्रशस्त करती है।