संजय गुप्ता की जज्बा के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन बड़े परदे पर वापसी करने वाली हैं। लेकिन दूसरे बॉलीवुड कलाकारों की तरह उन्हें भी ‘कम बैक’ शब्द से एलर्जी है।
मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।
जाने-माने संगीतकार एमएस विश्वनाथन का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने लगभग 1000 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर विश्वनाथन को चेन्नई में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं।
बेटी बचाओ के जज्बे के साथ बरखा बहार नाम से एक संगीतमय समारोह का आयोजन नंदिनी फाउंडेशन और पीपल फर्स्ट की ओर से दिल्ली के मुक्तधारा ऑडिटोरियम में किया गया। समारोह में गायिका मंदाकिनी बोरा के सावन पर गाए गीतों और सुफियाना गीतों ने लोगों को झूमने और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका पूजा झा के गीत भी लोगों को खूब पसंद आए।
नब्बे के दशक में जब गायिका मिलन सिंह सिल्वर स्क्रीन पर आईं तो लोग इसी पसोपेश में रहते थे कि वह महिला हैं या पुरुष। वह दोनों आवाजों में गाया करती थीं। तब उनके गीत युवाओं की जुबान पर रहते । खासकर ‘ अक्ख दे इशारे नाल गल कर गई कुड़ी पटोले वरगी ’ और ‘हाणियां तू कर लै प्यार की जिना तेरा जी करदा ’। इन गीतों की वजह से लोग उन्हें पंजाबी समझते लेकिन मिलन सिंह उत्तर प्रदेश में इटावा के एक गांव की रहने वाली हैं और ठाकुर परिवार में जन्मीं हैं। 32 सुपरहिट एलबम देने वाली मिलन सिंह ने हाल ही में संगीत की दुनिया में पुनः वापसी की है। पेश है उनके बातचीत के कुछ अंश-
फिल्म संगीत की दुनिया के शहजादे राहुल देव बर्मन वास्तविक जिंदगी में भी शहजादे थे। त्रिपुरा के राज परिवार से उनका रिश्ता था। उन पर आई एक नई किताब में इस बारे में जानकारी है।
घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज, ये बदमस्ती तो होगी, देखा-अदेखा, लिखे में दुक्ख, एक बहुत कोमल तान, मनवा बेपरवाह, अंदमान-निकोबार की लोक कथाएं, पहाड़ और परी का सपना (लोक कथाएं), चांद पर धब्बा, पेड़ बोलते हैं (बाल कहानी संग्रह)। चेखव की कथा पर फिल्म एवं प्रख्यात कथाकार ज्ञानरंजन पर वृत्तचित्र का निर्देशन। घर-घर घूमा कविता संग्रह पर मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के रामविलास शर्मा सम्मान से पुरस्कृत, रात-बिरात कविता संग्रह मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन के वागेश्वरी पुरस्कार तथा मध्य प्रदेश कला परिषद के रजा सम्मान से सम्मानित।
पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने विनोद कापड़ी की पहली फिल्म मिस टनकपुर हाजिर हो बॉक्स ऑफिस के कमाई के रिकॉर्ड तोड़ पाएगी या नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अपनी पहली ही फिल्म में विनोद कापड़ी ने बता दिया है कि यह एक जरूरी फिल्म है।
40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्या के लिए अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
एक अमेरिकी शोधार्थी से कथित बलात्कार के मामले में जाने-माने संस्कृतिकर्मी और फिल्म 'पीपली लाइव' के सह-निर्देशक महमूद फारुखी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।