भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त का लंदन ओलंपिक में जीता कांस्य पदक रजत में बदल गया जब दूसरे स्थान पर रहे रूस के दिवंगत बेसिक कुडुखोक को डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण पदक गंवाना पड़ा।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार को पदमुक्त किए जाने की ख्रबरें हैं। कहा जा रहा है कि प्रसार भारती के अन्य ऑफिसरों के साथ पटरी न बैठने और कई विवाद के बाद वेंकैया नायडु ने यह कदम आखिरकार उठा ही लिया। जो काम अरुण जेटली ने नहीं किया वह वेंकैया ने तेजी दिखाते हुए कर दिया।
टाइम्स नाउ में मंगलवार को प्रसारित हुए अर्नब गोस्वामी के शो में कश्मीर पर वार्ता में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करने को लेकर परिचर्चा की गई। इस शो में संपादक अर्नब गोस्वामी के मीडिया के प्रति नकारात्मक रवैये को लेकर एनडीटीवी की बरखा दत्त ने उन पर हमला बोला है।
वेस्टइंडीज के तेज आक्रमण को अपने बेहतरीन डिफेंस से प्रभावहीन करने के लिये मशहूर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर की एक कमजोरी थी और वह थे पारले जी ग्लूकोज बिस्कुट।
दिग्गज पहलवान योगेश्वर दत्त आगामी रियो खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी ओलंपिक यात्रा का अंत करना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि वह अपने इस आखिरी मुकाबले को यादगार बनाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान एस. वी. सुनील ने कहा कि उनकी टीम ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ चैंपियंस ट्राफी लीग मैच को क्वार्टर फाइनल समझा और आक्रामक हॉकी खेली। सुनील ने कहा, हम मैच जीतने के इरादे से ही उतरे थे और लक्ष्य हासिल करने की खुशी है। लंदन में मंगलवार को भारत ने दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर टूर्नामेंट में अपनी दूसरी जीत दर्ज की।
बिहार के गया जिले में स्थानीय नेता की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रही उग्र भीड़ ने वहां से गुजर रहे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला कर दिया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ के हमले में मांझी के घायल होने की खबर है। हालांकि स्थानीय पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।
छात्र राजनीति का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्र के नव-निर्माण से लेकर आज तक यह जारी है। हाल में भारत के विश्वविद्यालयों से एक आंधी उठी है जो हो सकता है देश की राजनीति के लिए बवंडर साबित हो
अभिनेता संजय दत्त 25 फरवरी को पुणे की येरवडा जेल से रिहा होने के बाद मुंबई स्थित अपने घर जाने के लिए चार्टर्ड विमान की सवारी करेंगे। संजय दत्त 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों से जुड़े होने के कारण पुणे जेल में सजा काट रहे हैं। इतने दिनों जेल में किए गए श्रम के लिए उन्हें 500 रुपये से भी कम मेहनताना मिलेगा।