पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुखिया शहरयार खान भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर बहाल करने के प्रयास के तहत भारत आए और यहां भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों से मिले।
आउटलुक को बताइए अपनी राय, आखिर हादसों के वक्त ही क्यों याद आता है आपदा प्रबंधन? अनियोजित विकास की भेंट चढ़ चुके दिल्ली जैसे शहरों में भूकंप के तगड़े झटके आए तो किसे दोषी ठहराएंगे हम?
अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट की तरह आईपीएल की घटती लोकप्रियता ने खेलप्रेमियों का धर्म बदलने पर मजबूर कर दिया है। सबसे ज्यादा समय और धन की खपत के कारण लोग क्रिकेट से विमुख होकर फुटबॉल, हॉकी और कबड्डी जैसे परंपरागत खेलों के अलावा टेनिस और बैडमिंटन की ओर दिलचस्पी बढ़ाने लगे हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के रहस्य के मसले पर कांग्रेस की सरकारों, खासकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ आग उगलने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली वाजपेयी सरकार और वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने भी इससे संबंधित विभिन्न आयोगों की रिपोर्टों, खुफिया सूचनाओं और अन्य दस्तावेजों के खुलासे से इनकार किया।
भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों अपने बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा का दौर चल रहा है। पहले बेंगलुरू में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लालकृष्ण आडवाणी को बोलने का अवसर नहीं दिया गया जबकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि आडवाणी कार्यकारिणी की बैठक में हों और उनका संबोधन न हुआ हो।
आइसीसी के प्रेसीडेंट मुस्तफा कमाल के इस्तीफा देने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वह इस बात से नाराज थे कि वर्ल्ड कप क्रिकेट ट्रॉफी उनके बदले आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने विजेता टीम को सौंपी।
पिछले कुछ अरसे से आइसीसी में भारत का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। क्रिकेट के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास अथाह पैसा। भारत में क्रिकेट में ढेर सारा काला धन और सटोरियों का पैसा लगा है। मैच फिक्सिंग और उसके पैसे की जड़ें भी भारत में ही हैं।
दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
आम आदमी पार्टी में यानी आप में जिस तरह जूतम पैजार चल रही है इससे इतना साफ हो जाता है कि पार्टी नेतृत्व किसी भी तरह की आलोचना सुनने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजीत झा को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाला जा चुका है। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और उनके गुट की निरंकुशता के किस्से मीडिया में आम हैं।
बिहार की मैट्रिक परीक्षा में कदाचार पर मचे राष्ट्रव्यापी बवाल के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है कि अगर उनकी सरकार होती तो वह परीक्षार्थियों को नकल करने के लिए लिए किताब ले जाने की इजाजत दे देते।