कंटेंट तो अहम है, उसी से दिलचस्पी पैदा होती है, जरूरी यह भी है कि किताबें ज्यादा लोगों तक पहुंचे
बाढ़ प्रभावित 45 लाख लोगों के लिए सिर्फ 19 राहत शिविर, यहां दो गज की दूरी रखना मुमकिन नहीं
कोरोना संक्रमण पर जल्द ही काबू न किया गया तो लोगों के बढ़ते गुस्से का सत्तारूढ़ गठबंधन को उठाना पड़ सकता है खामियाजा
गठबंधन सहयोगी कांग्रेस का सोरेन सरकार पर दबाव बढ़ा, तो भाजपा भी सक्रिय हुई
अवैध शराब से मौतों से घोषणा-पत्र के ‘नौ नुक्तों’ पर अपनों की ही नुक्ता-चीनी में घिरी अमरिंदर सरकार
चारधाम समेत 51 मंदिरों पर नियंत्रण के लिए बोर्ड बनाने का विरोध, इसे धामों की गुल्लक पर कब्जे का प्रयास बताया, भाजपा में ही असंतोष
विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करने की खट्टर सरकार की ख्वाहिश, पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूसरी तैयारियों पर सवाल
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण से राजनीति और सामाजिक नैरेशन और ताने-बाने में कई बदलावों की संभावना, लेकिन कई सवाल भी
मंदिर-मस्जिद की दीवारों को तोड़ आर्थिक उन्नति के नए संकल्प का सूत्रपात ही अयोध्या का बड़ा सबक
टीवी धारावाहिकों और अंग्रेजी पॉप साहित्य की देखादेखी हिंदी के लोकप्रिय साहित्य में पौराणिक पात्रों के इर्दगिर्द किस्सागोई की ओर युवा लेखकों और प्रकाशकों का रुझान बढ़ा
पौराणिक पात्रों ने एनिमेशन इंडस्ट्री में जान फूंक दी है, विदेशी कंपनियां देसी कंटेट बनाने पर हुई मजबूर
अंग्रेजी में पौराणिक पात्रों के इर्द-गिर्द कथा बुनकर कई किताबों और फिल्मों में अपनी आमद-रफ्त से मशहूर हुए देवदत्त पटनायक से आकांक्षा पारे काशिव की बातचीत के अंशः
सुशांत सिंह राजपूत की हत्या या आत्महत्या की उलझी गुत्थी की जांच पर भिड़े बिहार और महाराष्ट्र
निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने पहली बार कश्मीर की पृष्ठभूमि पर थ्रिलर फिल्म खामोश (1985) बनाई थी।
पहली और दूसरी शिक्षा नीति के अनेक प्रस्तावों पर अमल नहीं, इसलिए तीसरी नीति पर संशय
क्या कांग्रेस की वंशवादी नेताओं के बदले जमीनी कार्यकर्ताओं को तरजीह देने की नीति कारगर होगी?
मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित
कोरोना की वजह से तेजी से बढ़ रहा रोबोट का इस्तेमाल, सुविधाएं तो बढ़ेंगी लेकिन बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म होने का डर
नई शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य भारत को एक ज्ञान आधारित समाज के रूप में विकसित करना और उसे सुपरपावर बनाना है।
बहुविषयक पढ़ाई पर्यावरण समझ विकसित करने में मददगार, मगर प्रयोगधर्मी शिक्षा भी अनिवार्य
इब्राहिम अल्काजी थिएटर में क्रांति के जनक थे, उन्होंने इसे आधुनिक बनाकर उसकी दिशा बदल दी