कोई बाघ इंसानी बस्तियों में रहने का आदी हो गया है या इंसानों ने अपने स्वार्थ के लिए उसकी बस्ती का अतिक्रमण कर लिया, इस पर फिर से मंथन करने की आवश्यकता है ताकि विकास का एजेंडा जानवर-इंसान के टकराव को बढ़ावा न दे
कुछ लोग अपने हुनर, जिजीविषा और प्रतिबद्धता से जीते जी मिसाल बन चुके हैं, उनकी जिंदगी की तहों में झांकना एक वृद्ध होते समाज के लिए प्रेरणादायक हो सकता है