आज के दौर में अगर चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह से और बेहतर किया जा सकता है तो सभी दलों की सहमति से उसे जरूर किया जाना चाहिए, लेकिन बिना किसी पुख्ता सबूत के पूरी प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा करना उचित नहीं
अपने समूचे राजनीतिक करियर के दौरान नरेंद्र मोदी एकतरफा बहुमत की सरकारें चलाने के आदी रहे हैं, ऐसे में गठबंधन की सरकार की राह उनके लिए कई चुनौतियां लेकर आई है, तिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भौंह तनी हुई दिखती है, तो विपक्ष पहले से कहीं ज्यादा मजबूत
सरकार कमजोर हो चाहे मजबूत, परचे लीक होना शाश्वत सच बन चुका है, केंद्र में नई सरकार बनते ही नीट-यूजी के घोटाले का साया उसके सिर पर है और लाखों युवाओं की मेहनत दांव पर