अचानक विधानसभा चुनावों के पहले राज्य में नए मुद्दे और समीकरण उभरे, बढ़ती हिंसा और नई वोटर लिस्ट बनाने की कवायद से हालात उलझे, क्या है संभावना और क्या हैं आशंकाएं
आजादी के पहले से बिहार में कई उतार-चढ़ाव देख चुके वामपंथी दल क्या 2025 में नई ऊर्जा से उभर सकते हैं? खासकर माले के जाति और वर्ग के मेल से कामयाबी क्या कहती है? क्या वे इस बार चुनावी नतीजों को और ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं?
एक महीने में दो दिग्गजों, नसीरुद्दीन शाह और गौतम घोष ने 20 और 24 जुलाई को जीवन के 75 साल पूरे किए, उम्र के इस पड़ाव पर पार फिल्म के निर्देशक घोष प्रतिष्ठित एक्टर शाह के साथ एक और फिल्म करने को उत्सुक
अदाणी समूह से जुड़े नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और महाराष्ट्र सरकार का धारावी को पर्यावरण के अनुकूल नया रूप देने का वादा, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग
स्वास्थ्य मंत्रालय का समोसा-जलेबी से परहेज करने की हिदायत, वजह: एक अनुमान से 2050 तक देश में करीब 45 करोड़ लोग की तोंद ज्यादा भारी हो जाने की फिक्र, लेकिन इससे कई तरह के सवाल उभरे
हाल में बांग्लादेश में सत्यजित राय और रवि बाबू के पुश्तैनी घरों पर कट्टर तत्वों की गाज, समूचे उपमहाद्वीप में साझी विरासत के प्रति उपेक्षा-भाव, इतिहास पुनर्लेखन की कोशिश संस्कृति और लोकतंत्र के लिए खतरा
बिहार के आसन्न विधानसभा चुनाव देश की राजनीति के लिए भी बेहद अहम हैं। चुनाव आयोग की नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाने पर तो हल्ला है ही, तेजी से बिगड़ती कानून-व्यवस्था के हालात भी बड़ा मुद्दा बनते जा रहे हैं
114 वर्ष के समृद्ध, सेहतमंद और सफल जीवन जीने वाले फौजा सिंह दुनिया में हमेशा उन सभी को प्रेरित करते रहेंगे, जो उम्र के नाम पर अक्सर अपने पैशन को आगे बढ़ाने से पीछे हट जाते हैं