रामकुमार अपने कथा साहित्य और कला दोनों में बेहद लंबे रास्ते पर धीर गति से चले, सूक्ष्म निगाहों से देखते, बहुत कुछ संचित करते, करुणा और सौंदर्यशील ढंग से
हमें यह भी देखना होगा कि एक बेहतर समाज, एक बेहतर देश बनाने और जीवन को बेहतर करने के मोर्चे पर सरकार का कामकाज कैसा रहा है। सत्ताधारी दल और विपक्ष को इन्हीं मानकों को तवज्जो देनी चाहिए
2011-12 के बाद निवेश और रोजगार घटने का जो दौर शुरू हुआ, उसे बदलने में मौजूदा सरकार बहुत सफल नहीं रही है, गैर-कृषि क्षेत्रों में नौकरी बढ़ने की दर कम, स्टार्टअप, मुद्रा जैसी योजनाओं से भी फायदा नहीं