उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। जदयू का प्रदेश में भले ही जनाधार कम हो लेकिन सक्रियता बढ़ गई है। जदयू किसके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेगा यह तो अभी तय नहीं है लेकिन चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई है। जदयू के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद यादव से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने विस्तार से बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश:
साहित्य के नवोदित परंतु सशक्त हस्ताक्षर। सभी चर्चित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। पत्रकारिता के लिए अनिल सिन्हा स्मृति पुरस्कार। संपर्कः 09953084573
उत्तर प्रदेश की कमान 64 वर्षीय मंजे हुए राजनेता और पांच बार फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके अभिनेता राज बब्बर को सौंपकर कांग्रेस ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की पसंद पर मुहर लगा दी है। सांप्रदायिक उन्माद से टकराने के लिए अपने तीखे तेवर के लिए जाने जाने वाले राज बब्बर अपने पुराने फॉर्म में दिखाई दे रहे हैं, वे भाजपा अध्यक्ष को तड़ीपार, जिलाबदर, प्रदेश को जलाने वाले के तौर पर चिह्नित करते हैं। अपने प्रदेश को जलाने-बांटने और लूटने वालों के खिलाफ एक मुकम्मल लड़ाई चलाने, प्रदेश में सरकार बनाने का उनका दावा जमीन पर कितना असर करेगा और कांग्रेस का ‘हाथ’ कितना मजबूत होगा, इसे परखने में अभी समय है लेकिन यह तो है ही कि अब कांग्रेस के पास प्रदेश में एक ऐसा चेहरा है, जिसे लोग पहचानते हैं। आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख ने उनसे बातचीत की, पेश हैं प्रमुख अंश:
वर्तमान संसद के सबसे वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह ने हाल में राज्यसभा की नामजद सदस्यता से इनकार करने वाले डॉ. प्रणव पंड्या से मध्य प्रदेश फाउंडेशन के अजय मुश्रान स्मृति व्याख्यान के कार्यफ्म में कहा कि ‘आपका त्याग सम्मानजनक है लेकिन वास्तव में राज्यसभा इतनी खराब और नाकारा भी नहीं है।
मकबूल अभिनेत्री हेमा मालिनी की पहली फिल्म थी सपनों का सौदागर। 1968 में रुपहले पर्दे पर दिखी इस फिल्म के नायक राज कपूर का लोकप्रिय संवाद था-मैं सपनों का सौदागर हूं, जी मैं सपने बेचता हूं। 60 के दशक के लोकतांत्रिक भारत के लोगों को तब हैरत में रहते हुए खुद से यह पूछना पड़ता था कि क्या सपने यकीनन बिकते हैं? अब ऐसा नहीं है। अब मायानगरी से लेकर देश की सरकार तक सपने बेचा करती है। बेधड़क और तामझाम के साथ।