एक तरफ भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश में कुपोषण को दूर करने के लिए खाद्य पदार्थों में फोर्टिफिकेशन का रास्ता अपना रही है, दूसरी तरफ पार्टी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच सरकार के इस कदम को खतरनाक बता रहा है। उसका कहना है कि फूड रेग्युलेटर एफएसएसएआइ कंपनियों के दबाव में काम कर रहा है। इस संबंध में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखने जा रहा है। संगठन फोर्टिफिकेशन को क्यों गलत मान रहा है, इस मसले पर एसोसिएट एडिटर प्रशांत श्रीवास्तव ने स्वदेशी जागरण मंच के नेशनल को-कनवीनर अश्विनी महाजन से बात कर उनकी दलीलें जानने की कोशिश की...
खाद्य पदार्थों में अलग से विटामिन और मिनरल मिलाने के एफएसएसएआइ के निर्देश पर उठे कई सवाल, लोगों की सेहत से खिलवाड़ से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हित साधने जैसे आरोप, जानें क्या हैं दलीलें
तमाम वैज्ञानिक तथ्यों और जानकारों की हिदायतों के बावजूद एफएसएसएआइ का खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त विटामिन मिलाने का अभियान लोगों की सेहत बर्बाद करेगा और बड़ी कंपनियों को मुनाफा दिलाएगा
देश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और मानकों को तय करने की अहम जिम्मेदारी फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) के पास है। अथॉरिटी इस दिशा में क्या काम कर रही है और कुपोषण दूर करने में फूड फोर्टिफिकेशन पर उसकी पहल समेत अन्य मुद्दों पर अथॉरिटी की चेयरपर्सन रीता तेवतिया से एसोसिएट एडिटर प्रशांत श्रीवास्तव ने बात की। मुख्य अंश:
बकौल केंद्र सरकार पहले सौ दिन ऐतिहासिक फैसलों के रहे, लेकिन विपक्ष की नजर में सरकार का प्रदर्शन ज्यादातर मोर्चों पर निराशाजनक रहा है। इस फेहरिस्त में कश्मीर से लेकर अर्थव्यवस्थां तक शामिल है। केंद्रीय सूचना-प्रसारण, वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक मीडिया निराशाजनक खबरों को ज्यादा तूल दे रहा है, जीडीपी में गिरावट उतार-चढ़ाव के दौर का मामला है, हालात उतने बुरे नहीं हैं। जाहिर है, उनके पास सरकार की उपलब्धियों का अच्छा-खासा हिसाब है। कश्मीर के हालात, अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, विपक्ष के नेताओं पर बदले की भावना से सरकारी एजेंसियों की कार्रवाइयों के आरोपों जैसे मामलों पर उनसे संपादक हरवीर सिंह और एसोसिएट एडिटर प्रशांत श्रीवास्तव ने विस्तृत बातचीत की। कुछ अंशः
गोवा में 2017 में सबसे बड़ी पार्टी न होने के बावजूद भाजपा की सरकार बनाकर शाह ने साबित किया कि एक फीसदी संभावना को भी वे सौ फीसदी में बदलने की क्षमता रखते हैं