दिल्ली के मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी को दिल्ली पुलिस ने आज दंगा फैलाने के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया।
नीतीश कुमार शुक्रवार यानी 20 नवंबर को बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर तीसरी बार शपथग्रहण करने जा रहे हैं। इस मौके पर लगभग सभी राज्यों के गैर-भाजपाई या गैर-राजग मुख्यमंत्रियों ने शामिल होने पर अपनी सहमति जताई है। द्रमुक प्रमुख करुणानिधि चूंकि अपनी बीमार पत्नी के कारण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे इसलिए वह अपने बेटे और पार्टी के कोषाध्यक्ष तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को भेज रहे हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी को तगड़ा लगा है। पंचायत चुनाव में सपा समर्थकों की हार ने यह बता दिया कि जनता का झुकाव अब दूसरे दलों की ओर हो रहा है। मजेदार बात यह है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के समर्थकों ने प्रदेश में खाता खोल दिया है।
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के तहत शनिवार को 21 मंत्रियों तथा राज्यमंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल में कुल नौ मंत्रियों को प्रोन्नति दी गई है जबकि दो कैबिनेट तथा 10 राज्यमंत्रियों समेत कुल 12 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है।
अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल विस्तार के तहत शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल राम नाइक पर बीच में ही राष्ट्रगान रुकवा कर इसका अपमान करने का आरोप लगा है। राजभवन में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान यह मामला सामने आया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल करते हुए आठ कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है और नौ मंत्रियों का विभाग छीन लिया है।
देश के सभी कोनों से, सभी भाषाओं में एक ही आवाज उठ रही है। यह अपने आप में ऐतिहासिक परिघटना है। इससे पहले इस देश में इतने बड़े पैमाने पर लेखकों-साहित्यकारों-रंगकर्मियों ने एक साथ एक ही मुद्दे पर मिलकर आवाज नहीं उठाई थी। वे सब अलग-अलग राज्यों से, अपनी-अपनी भाषाओं में एक ही स्वर बोल रहे हैं।
गौमांस की अफवाह पर पीट-पीटकर मारे गए मोहम्मद अखलाक के परिजनों से मिलने के लिए नेताओं का तांता लगा हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी, महेश शर्मा, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अखलाक के परिजनों से मिलने की सुध आई है। लेकिन दादरी जाकर पीड़ितों से मिलने के बजाय अखिलेश यादव ने उन्हें लखनऊ बुलवा लिया।