भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ अन्ना हजारे का अभियान जारी है। उन्होंने मेरठ में एक सभा में कहा कि अगर सरकार जनता के सवालों को नहीं सुनती तो जनता को उसे गिराने में देर नहीं करनी चाहिए।
संसद के बजट सत्र में भूमि अधिग्रहण सहित कई मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्षी नेताओं ने भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल किसानों के विरोध में है।
जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर अन्ना आंदोलन जारी था और इधर दिल्ली के कॉन्सटीट्यूटशन क्लब में किसानों के हकों की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) की इसी मुद्दे पर अलग से प्रैसवार्ता चल रही थी। अन्ना आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना था कि उनके साथ देशभर के सभी किसान संगठन हैं जबकि किसानों का महत्वपूर्ण संगठन बीकेयू इसी मुद्दे पर अन्ना से अलग रहा।
जमीन अधिग्रहण को लेकर सोमवार से दिल्ली में हंगामा शुरु करने की पूरी तैयारी है। सड़क से लेकर संसद तक हंगामे के आसार हैं। एक तरफ प्रसिद्ध समाजसेवी अण्णा हजारे दिल्ली में धरना दे रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है।
बसपा प्रमुख मायावती ने आज कहा कि केंद्र की नीतियां प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है और इसमें काम कम और बातें ज्यादा हैं। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है। विगत में जो सभी बातें कही गयी हैं, उसे ही विभिन्न तरीके से पेश किया गया है।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन जारी है। देश भर से किसान संगठनों का आना जारी है। आज शाम चार बजे तक जंतर-मंतर पर अन्ना को सुनने वालों की तादाद करीब पांच हजार थी। इससे पहले लोकपाल बिल के लिए जब अन्ना हजारे ने आंदोलन शुरू किया था तो उस आंदोलन ने देश की में राजनीति भूचाल ला दिया था। उस समय न केवल आंदोलन की गूंज दूर तक गई थी बल्कि अन्ना टीम के कई सदस्यों को राजनीति में पैर रखने के लिए नया फलक भी मिला। आज वे सदस्य राजनीति ने नए हीरो हैं। शायद इस दफा आंदोलन का कोई राजनीतिक फायदा न उठा सके इसके लिए अन्ना ने किसी को भी मंच सांझा नहीं करने दिया। मंच सिर्फ अन्ना और उनका निजी कामकाज देख रहे दत्ता अवारी ही थे।
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ अपने प्रदर्शन से पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज संकेत दिए कि अगर नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।