दिल्ली विधानसभा में बुधवार को विजिटर गैलरी में बैठे दो लोगों ने कार्यवाही के दौरान दिल्ली मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर पर्चे फेंक दिए। पर्चें फेंकने वाले लोग जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उन्हें दिल्ली सरकार से हटाने की मांग कर रहे थे। इसके साथ ही कार्रवाई नहीं करने पर सीएम केजरीवाल से भी इस्तीफा मांगा की गई।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने ही आप को नोटिस भेजा है। सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने आप को नोटिस भेजकर 27 लाख 73 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार ने बीपीएल परिवारों की चीनी की सब्सिडी बंद कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सब्सिडी बहाल करने की मांग की है।
आम आदमी पार्टी (AAP) से बर्खास्त किए मंत्री कपिल मिश्रा का सीएम अरविंद केजरीवाल पर एक के बाद एक कई आरोपों को लेकर उन पर हमला बोल रहे थे। इस बार कपिल मिश्रा आरोप नहीं बल्कि खुद ही आज सुबह सीएम केजरीवाल के जनता दरबार में जा पहुंचे। रोके जाने पर उन्होंने बाहर बैठकर भजन-कीर्तन करना शुरू कर दिया।
इन दिनों गुजरात चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने राज्य में जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। एक ओर जहां भाजपा घर-घर जाकर 'मेरा घर भाजपा का घर' के स्टीकर चस्पा कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर गुजरात भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी की आवाज में लोगो को मैसेज सुनाए जा रहे हैं। लेकिन जिस नंबर से यह संदेश लोगों तक पहुंच रहा है वह काफी हैरान करने वाला है।
एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय पर हुई सीबीआई की कार्रवाई को लेकर कुछ नेताओं के बयान आए हैं। वहीं कुछ नेताओं ने चुप्पी साध ली है। जहां मीडिया जगत में इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण हमला माना जा रहा है, वहीं राजनीतिक हलकों में भी कुछ नेता प्रणय रॉय और एनडीटीवी के समर्थन में उतर आए हैं। लेकिन कई बड़े नेता जो अक्सर अलग-अलग मसलों पर ट्वीट करते रहते हैं उनका यहां मौन रहना समझ से परे है।
दिल्ली के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। दिलचस्प है कि यह पत्र उस समय आया है जब आम आदमी पार्टी यह आरोप लगा रही है कि उपराज्यपाल सभी को दरकिनार करते हुए सरकार के हटाए गए पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा से जल्दी जल्दी मिल रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री से नहीं। इस मौके पर पत्र लिखने से राजनैतिक हलचलें जरूर तेज हो गई हैं। उधर, उपराज्यपाल दफ्तर ने सफाई दी है कि मुख्यमंत्री को अगले सप्ताह बुधवार को मिलने का समय दिया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर में तैनाती कराने से अफसर बच रहे हैं और किसी न किसी बहाने से वहां से निकल जा रहे हैं। अफसरों को डर है कि अगर ज्यादा दिन यहां रहे तो सीबीआई की गाज गिरना तय है। यानी मुख्यमंत्री का दफ्तर जल्द ही बिना अफसरों के हो जाएगा। माना जा रहा है कि हालात के चलते केजरीवाल दिल्ली के बाहर से अफसर ला सकते है या निजी तौर पर स्टाफ नियुक्त कर सकते हैं।
दुनियाभर में किसी भी विषय पर जानकारी के लिए अगर हम किसी चीज पर निर्भर हैं तो वो है विकिपीडिया। लेकिन ये क्या, इस पर हुई शरारत के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के परिचय में न सिर्फ उनका नाम बल्कि मुख्यमंत्री की जगह मुर्खमंत्री कर दिया गया था। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उनके बारे में इस पर काफी अनाप-शनाप भी लिखा गया था। हालांकि दिल्ली सीएम के विकिपीडिया पेज पर अब इस गलती को सुधार लिया गया है।