पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद से देश भर में करोड़ों लोग भले ही अब भी अपने कुछ हजार रुपये निकालने के लिए बैंकों के आगे घंटों इंतजार कर रहे हों, लेकिन कुछ लोगों को अपने करोड़ों रुपए को एक्सचेंज करने में कुछ मिनट भी नहीं लग रहे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में 500 और 1,000 के पुराने या बंद नोटाें में 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराने पर कड़े अंकुश लगा दिए। अब 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में पुराने नोटाें में सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा सकेगी। इसके लिए जमाकर्ता को बैंक अधिकारियाें को अभी तक पैसा जमा न कराने की वजह बतानी होगी।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने टूजी, कोलजी और जीजाजी यानी रॉबर्ट वाड्रा के जमीन घोटालों की खूब चर्चा की थी और इसके कारण लोगों में कांग्रेस के प्रति नाराजगी भी खूब थी। अब वाड्रा को बदला चुकाने का मौका मिला है।