![चर्चाः अभिव्यक्ति पर नई तोप | आलोक मेहता](https://outlookhindi-assets.s3.ap-south-1.amazonaws.com/public/uploads/article/gallery/e6757cbe2ecba112e5010cd08aac16f8.jpg)
चर्चाः अभिव्यक्ति पर नई तोप | आलोक मेहता
‘तोप चलाओ और सत्ता पाओ’। वह बात भूल जाएं कि तोप के बजाय अखबार निकालें, क्योंकि सरकारी बंदूक रखने वाले इसी हथियार की ताकत से सत्ता के बड़े पदों की कामना करने लगते हैं। तभी तो जल्द ही रिटायर होने वाले दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने राजनीतिक तोप इस्तेमाल कर राष्ट्रद्रोह के वर्तमान कानून को खत्म करने के बजाय इसका दायरा बढ़ाने की सलाह दे डाली है।