प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का कार्यकाल अगले साल फरवरी में पूरा होगा लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह इस्तीफा देने के बारे में दृढ़तापूर्वक विचार कर रहे हैं।
प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार को पदमुक्त किए जाने की ख्रबरें हैं। कहा जा रहा है कि प्रसार भारती के अन्य ऑफिसरों के साथ पटरी न बैठने और कई विवाद के बाद वेंकैया नायडु ने यह कदम आखिरकार उठा ही लिया। जो काम अरुण जेटली ने नहीं किया वह वेंकैया ने तेजी दिखाते हुए कर दिया।
कभी भाजपा की फायर ब्रांड नेता रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती हमेशा भीड़ से घिरी रहती थीं। जहां जातीं समर्थकों का हुजूम उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ता था। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट गई है। उमा भारती अब हर जगह अकेली दिखाई देती हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद आगे पीछे रहने वाले समर्थक नदारद हैं। और तो और देश के किसी हिस्से में पहुंचने पर स्वागत के लिए समर्थकों का जो हुजूम उमड़ पड़ता था आज वह भी कहीं दिखाई नहीं देता।
'अगर किसी अच्छी खासी चलती हुई चीजों का भट्टा बैठाना हो तो उसे सरकारी लोगों के हाथों में सौंप देना चाहिए। नाम न छापने की शर्त पर प्रसार भारती के अधिकारी जब यह कहते हैं तो पहली बार में यह बात अतिश्योक्ति लग सकती है लेकिन जब प्रसार भारती की हालत पर गौर करें तो इस वाक्य का एक-एक शब्द ठीक लगने लगता है। निजी चैनलों के बीच सुस्त चाल में चलते दूरदर्शन को यूं तो कोई फिक्र नहीं रहती लेकिन जो भी थोड़ी-बहुत ठीक चलते कार्यक्रम या बातें हैं वह प्रसार भारती में अंदरूनी खींचतान की भेंट चढ़ जाता है।
केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि नदियों के ‘’अतिरिक्त जल’’ की परिभाषा को जल्द अंतिम रूप दिया जाना जरूरी है। इसके लिए उन्होने कहा कि सभी राज्यों की सहमति के बाद ही यह फैसला होगा। उन्होंने कहा, ‘जब तक यह नहीं हो जाता तब तक बार-बार नदियों के अतिरिक्ति जल का मुद्दा उठता ही रहेगा।’
पिछले साल शुरू हुए किसान चैनल पर सियासत का साया पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस चैनल के एडवाइजर नरेश सिरोही को बिना कारण बताए तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारंपरिक रूप से लोगों को खुद से जोड़ने के साथ-साथ अब आधुनिक दौर के अनुसार हाईटेक होता जा रहा है। इसके तहत संघ अपनी वेबसाइट के माध्यम से अपनी पहुंच को व्यापक करने के साथ आईटी पेशेवरों तथा शहरों में रहने वाले युवाओं को भी स्वयं से जोड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा की अविरल निर्मलता को लेकर कितने सजग और गंभीर हैं यह उनके गंगा मंत्रालय बनाने से पता चलता है। इसके बाद गंगा के प्रति प्रेम रखने वाली उमा भारती को उस मंत्रालय को सौंप देना अपने आप में पूरी कहानी कह देता है। आज हरिद्वार में इस महत्वाकांक्षी योजना का की शुरुआत विधिवत हो गई।
कल हरिद्वार में बीस हजार करोड़ की नमामि गंगे योजना के पहले चरण की शुरुआत धूमधाम से होगी। इस की शुरुआत नितिन गडकरी और उमा भारती करेंगे। गंगा के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, यमुना के दो राज्य हरियाणा और दिल्ली के अलावा सात राज्यों में इस योजना के तहत काम होगा।