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Search Result : "ओबीसी विधेयक"

जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयक पारित कराने के लिए सरकार अगले सप्ताह बढ़ायेगी कदम

जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयक पारित कराने के लिए सरकार अगले सप्ताह बढ़ायेगी कदम

सुचारू रूप से चल रहे संसद के दोनों सदनों के कामकाज को देखते हुए सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयक को पारित कराया जाए। इसलिए इन विधेयकों को पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। इनके साथ ही लोकसभा में छह और राज्यसभा में सात विधेयकों को पारित कराने की भी योजना है। इनमें से दो विधेयक पहले से ही निचले सदन में और तीन विधेयक उच्च सदन में सूचीबद्ध हैं।
मानक ब्यूरो विधेयक पास, अब सुधरेगी सामान की गुणवत्ता

मानक ब्यूरो विधेयक पास, अब सुधरेगी सामान की गुणवत्ता

लोकसभा ने आज भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक, 2015 को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसमें वस्तु, प्रसंस्करण, पद्धति और सेवाओं के मानकीकरण, एकरूपता निर्धारण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं विकास जैसे कार्य के लिए एक राष्ट्रीय मानक निकाय स्थापित करने की बात कही गई है।
सांसदों से ज्‍यादा दिल्‍ली के विधायकों का वेतन, बिल पास

सांसदों से ज्‍यादा दिल्‍ली के विधायकों का वेतन, बिल पास

दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में करीब 400 फीसदी की वृद्धि होने जा रही है। इससे संबंधित विधेयक आज दिल्‍ली विधानसभा में पास हो गया। अब इस विधेयक को केंद्र के पास भेजा जाएगा। अगर केंद्र की मंजूरी मिलती है तो दिल्‍ली में विधायकों का पैकेज प्रतिमाह 2 लाख 35 हजार रुपये होगा जो सांसदों के वेतन से भी ज्‍यादा है। इस तरह दिल्‍ली के विधायक देश के सबसे महंगे जनप्रतिनिधि होंगे।
अन्ना तक पहुंचा केजरीवाल का लोकपाल बिल, दिए सुझाव

अन्ना तक पहुंचा केजरीवाल का लोकपाल बिल, दिए सुझाव

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा है कि यदि केंद्र की राजग सरकार ने दिल्ली की आप सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह इसके खिलाफ कदम उठाएंगे।
लोकपाल बिल पर अन्ना ने दिए सुझाव, केजरीवाल ने कहा मानेंगे

लोकपाल बिल पर अन्ना ने दिए सुझाव, केजरीवाल ने कहा मानेंगे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक का स्वागत करते हुए इसमें कुछ सुझाव भी दिए हैं। साथ ही हजारे ने कहा है कि अगर केंद्र की राजग सरकार ने आप सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए जनलोकपाल विधेयक के रास्ते में बाधा डाली तो वह उसके खिलाफ कदम उठाएंगे।
बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार चुनाव की धमक बाहर तक

बिहार में चुनावी परिणाम चाहे जो रहे, सरकार चाहे नीतीश कुमार की बने या नरेंद्र मोदी की, इन चुनावों के प्रचार ने राष्ट्रीय राजनीति के कई बंद दरवाजों को खोला है। कई ऐसे समीकरण आए, जिनके बारे में कुछ सालों पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नीतीश और लालू का साथ आना, अति पिछड़ा वर्ग का निर्णायक स्थिति में पहुंचना, तमाम वाम दलों का मिलकर चनाव लड़ना और पहली बार देश के प्रधानमंत्री का किसी राज्य के चुनाव के लिए रिकॉर्ड सभाएं करना। इन तमाम पहलुओं पर बिहार की जनता ने पैनी निगाह रखी और हर पहलू पर जमकर चर्चा हुई। ये बहसें सिर्फ बिहार की धरती तक ही सीमित नहीं रहीं, जहां भी बिहारी हैं, वहां बिहार के राजनीतिक भविष्य पर चिंता हावी रही।
ओबीसी आरक्षण में अलग हिस्सा मांग रहीं विमुक्त घूमंतू जनजातियां

ओबीसी आरक्षण में अलग हिस्सा मांग रहीं विमुक्त घूमंतू जनजातियां

भीषण पिछड़ेपन का शिकार देश भर की 666 विमुक्त घूमंतू जनजातियां और अतिपिछड़ी जातियां अपने विकास के लिए आरक्षण में अलग हिस्से के लिए हो रही गोलबंद, अगले साल दिल्ली कूच
गुजरात में तनाव, कई इलाकों में सेना तैनात

गुजरात में तनाव, कई इलाकों में सेना तैनात

पटेल आरक्षण की आग में झुलस रहे गुजरात में तनाव बरकरार है। मंगलवार से जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई और राज्‍य के कई शहरों में स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना तैनात की गई है।
ये तुम्हारे गले में किसकी आवाज है हार्दिक?

ये तुम्हारे गले में किसकी आवाज है हार्दिक?

गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्‍य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्‍होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्‍वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।
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