दलित शोधार्थी की आत्महत्या के मुद्दे पर रुख और आक्रामक करते हुए राहुल गांधी शनिवार को हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों के साथ एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए।
दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी पर मचे बवाल के बीच हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) तबके के शिक्षक कल से भूख हड़ताल करेंगे। इन शिक्षकों ने कुलपति और प्रभारी कुलपति के इस्तीफे की मांग को लेकर यह निर्णय लिया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त बुंदेलखंड इलाके के महोबा में पदयात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को न सिर्फ उद्योगपतियों के बारे में बल्कि भोजन उपलब्ध कराने वाले किसानों और मजदूरों के बारे में भी सोचना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश में गन्ना के उचित दाम और किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने राज्यव्यापी अांदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। कई दिनों के भाकियू के कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं।
सरकार के सबसे बड़े प्रचार तंत्र दूरदर्शन के पास धन ही नहीं है। खबर है कि तीन महीने से दूरदर्शन सहित कई सरकारी चैनलों के लिए कोई धनराशि नहीं मिली है। यहां तक की दूरदर्शन के महानिदेशक का पद भी खाली पड़ा है।
‘जवाबदेही यात्रा जवाब पूछे रे, बोलों क्यूं नि रे?’ यह बोल उस गीत के हैं जो एक अनूठी यात्रा के तहत गाया जा रहा है। इन दिनों राजस्थान में सूचना एवं रोजगार का अधिकार अभियान के बैनर तले यह यात्रा निकाली जा रही है। गीतों के जरिये सरकार से सवाल किए जा रहे हैं। जवाबदेही मांगी जा रही है। इस यात्रा का सरकार से सवाल है कि वह बनी तो जनता के लिए है लेकिन सही तरीके से काम नहीं होने की वजह से जवाबदेही तय क्यूं नहीं करती।
पंजाब में किसान खेती से जुड़े दूसरे कामों में रुचि ले रहे हैं। बीते कुछ सालों में यहां किसानों के बीच बकरी पालन लोकप्रिय हो रहा है। किसानों को इसका लाभ भी मिल रहा है। जिस वजह से आर्थिक तौर पर कमजोर किसान भी अब बकरी पालन में रुचि लेने लगे हैं।
भूखमरी और कंगाली के बीच खुदकुशी को मजबूर भारतीय किसानों की दस्तान पुरानी पड़ चुकी है। अब नई तस्वीर देखिए। देश के प्रमुख अखबारों के पहले पन्नों पर सपरिवार मुस्कुराता किसान। हाव-भाव से गरीब लेकिन चेहरे पर 'खुशहाल किसान' वाली चिर-परिचित स्माइल। बच्चा नंगे पांव लेकिन मुस्कान भरपूर। ये फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग का किसान है जो कृषि संकट भूल नेट निरपेक्षता की बहस को निपटज्ञने का मोहरा बन गया है। ये काम भारत का किसान ही कर सकता है।