कॉरपारेट जासूसी का मामला रहस्यमयी होता जा रहा है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अलग-अलग चल रही है और दोनों ही मामलों में कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। संसद में मचे हंगामे के बाद सरकार का बयान भी आया कि अभी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। इससे जाहिर है कि सरकार और जांच एजेसियों में तालमेल सही नहीं हो पाने के कारण किसी नतीजे पर पहुंच पाना मुश्किल दिख रहा है।
दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय में जिस तरह से पूछताछ की गई उससे स्नूपगेट कांड की याद ताजा हो गई। भले ही दिल्ली पुलिस यह कह रही हो कि यह रुटीन में की गई पूछताछ है लेकिन जिस तरह से पूछताछ की गई उसके कई पहलुओं पर गौर करने की जरुरत है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय में कथित जासूसी के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई पेश की है। पुलिस ने कहा कि राहुल गांधी के में पुलिसकर्मी का जाना शख्सियतों से जुड़े रहने की एक नियमित कवायद है और इसके पीछे कोई दुर्भावना नही थी।
कॉरपोरेट जासूसी मामले में अब बड़े ओहदेदारों पर भी शिकंजा कसने लगा है। एक अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) के प्रेसिडेंट (कॉरपोरेट अफेयर्स) शंकर अडवाल से पूछताछ की और उनका लैपटॉप जब्त कर लिया।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ जुलाई 2013 में फ्रेंच रिविएरा में एस्सार ग्रुप की ऐशो-आराम की सुविधाओं से लैस शानदार याट पर दो रातें बिताई थी। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गडकरी और कॉरपोरेट की मिली-भगत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज कर दी है।
दिल्ली पुलिस ने कॉरपोरेट जासूसी मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रविंद्र यादव ने बताया, वन और पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पीएस जितेंद्र नागपाल और यूपीएससी के एक सदस्य के पीए विपन कुमार को गिरफ्तार किया गया है।
वर्ष 2012-13 और 2013-14 में भले ही भारतीय जनता पार्टी देश की सत्ता में नहीं थी मगर चंदा जुटाने के मामले में उसने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को मीलों पीछे छोड़ दिया था।