केरल में 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत यूडीएफ के लिए एक बड़ी राहत के तहत निर्वाचन आयोग ने मुफ्त चावल आपूर्ति के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने 2016-17 के बजट में की थी।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह अपनी कैंटीनों में उन खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करें जिनमें वसा, शर्करा और लवण की मात्रा अधिक है और छात्रों को इसके बुरे प्रभाव के बारे में जागरूक करें।
आज सुबह उत्तरी और मध्य दिल्ली के कुछ इलाकों में जल आपूर्ति आंशिक रूप से बहाल हो गई। हालांकि दिल्ली के जलमंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि जब तक हरियाणा के जाट आंदोलन के कारण क्षतिग्रस्त हुई मूनक नहर की पूरी तरह मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक जल आपूर्ति सीमित ही रहेगी।
प्रधानमंत्री जनधन योजना को दुनिया का सबसे सफलतम वित्तीय समावेश कार्यक्रम बताते हुए राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि योजना के तहत 21 करोड़ खाते खोले गये जिनमें 32,000 करोड़ रुपये की राशि जमा है।
हरियाणा में जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी हटानी शुरू कर दी है और हिंसाग्रस्त राज्य में जनजीवन आज फिर से सामान्य होता नजर आया। कई दिनों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहने के बाद कैथल समेत कुछ शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थिति में आज उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद व्यक्त की है। अधिकारियों ने कैथल और इसके निकटवर्ती कस्बे कलायत से कल कर्फ्यू हटा लिया।
जाट आंदोलन के कारण हरियाणा से जल आपूर्ति में कटौती किए जाने पर दिल्ली सरकार ने कल राजधानी में स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। यह घोषणा जल संकट से निपटने के लिए शहर में पानी के नियंत्रित वितरण की नीति के तहत की गई है।
थोक मूल्य मुद्रास्फीति में चार महीने से चल रहा तेजी का सिलसिला जनवरी में टूट गया और इस महीने यह घटकर शून्य से 0.9 प्रतिशत नीचे रही। खाद्य उत्पादों, मुख्य तौर पर सब्जियों और दलहन के सस्ते होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति नरम पड़ी है।
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू न करने को लेकर कुछ राज्यों को आज फटकार लगाते हुए कहा कि संसद द्वारा पारित कानून को आखिर गुजरात जैसा राज्य क्यों कार्यान्वित नहीं कर रहा है।