दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मोदी सरकार के जमाने में भारत रत्न मिल रहा है। मोदी सरकार ने वाजपेयी का नाम भारत रत्न के लिए क्यों चुना इस पर कई मत हैं। लेकिन इतना तय है कि मोदी, वाजपेयी की विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करते हैं और कई मामलों में तो उनकी नकल भी करने की कोशिश करते हैं। एक ही विचारधारात्मक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खांचे से ढलकर निकलने के बावजूद दोनों के व्यक्तित्व के डिजाइन अलग हैं। देखिए:
विश्व कप क्रिकेट में भारत अपनी दावेदारी से बाहर हो गया है। भारतीय टीम का लगातार दूसरा विश्व कप जीतने का सपना तोड़कर आस्टेलिया ने आज यहां दूसरे सेमीफाइनल में उसे 95 रन से करारी शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना सह मेजबान न्यूजीलैंड से होगा।
विश्व कप क्रिकेट के पहले क्वार्टर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को 9 विकेट से रौंदते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है जहां उसका मुकाबला न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज में से किसी एक टीम से होगा।
भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने विश्व कप से ठीक पहले हुई त्रिकोणीय श्रृंखला को समय और ऊर्जा की सरासर बर्बादी करार देते हुए कहा कि श्रृंखला के कारण मानसिक रूप से थकी होने के बावजूद भारतीय टीम ने विश्व कप में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन किया है।
पारदर्शिता लाने की कवायद में खेल मंत्राालय ने भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए अपने कामकाज के तरीकों और वित्त की आॅनलाइन जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।
किसी जमाने में बीसीसीआई के निर्विवाद सुप्रीमो रहे जगमोहन डालमिया आखिरकार एक बार फिर दुनिया की इस सबसे अमीर क्रिकेट संस्था पर काबिज हो गए। उन्हें सर्वसम्मति से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया मगर एन. श्रीनिवासन गुट को तब तगड़ा झटका लगा जब विरोधी खेमे के अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन के विश्वस्त संजय पटेल को हराकर सचिव पद पर कब्जा जमा लिया।