देश में कारोबार की परिस्थितियों में सुधार के साथ विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 13 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। कंपनियों के मैनेजरों के बीच कराए जाने वाले एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वे से यह बात सामने आयी है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
आरबीआई ने नीतिगत दरों में बदलाव का ऐलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है, इस तरह अब रेपो रेट घटकर 6.50 फीसदी हो गया है। इस 0.25 फीसदी की कटौती से रेपो रेट मार्च 2011 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है। लेकिन आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 5.75 फीसदी करने का ऐलान किया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकती है जो पांच वर्ष की सबसे तेज विकास दर होगी। इसके साथ ही भारत इस मामले में चीन से ऊपर होगा जो नरमी से गुजर रहा है। इस तेजी में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हाथ है जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा चल रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज केंद्रीय बैंक की नीतिगत ब्याज दर अपरिवर्तित रखते हुए संकेत दिया कि मौद्रिक नीति आगे भी नरम रखी जाएगी। उन्होंने कहा है कि मुद्रास्फीति लक्ष्य के करीब पहुंच रही है एेसे में दर कम करने का अवसर मिलेगा ताकि आर्थिक वृद्धि में मदद हो सके।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराज राजन ने दिवाली के पहले ही बड़ा तोहफा दिया है। मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए उन्होंने ब्याज दरों (रेपो रेट) में 0.50 फीसदी की कटौती कर दी है। इसी दर पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं।
जुगाड़ के जरिये फौरी तौर पर किसी समस्या के समाधान की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि सतत वृद्धि के लिए मजबूत संस्थागत प्रणाली होना जरूरी है।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार को झटका लगा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की विकास दर घटकर 7 फीसदी रह गई है। जबकि इससे पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह आंकड़ा 7.5 फीसदी तक पहुंच गया था।