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सवर्णों के लिए नीतीश का चुनावी दांव

सवर्णों के लिए नीतीश का चुनावी दांव

बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा में पांच महीने से भी कम के समय को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सवर्ण वोटरों को लुभाने का दांव चला है। नीतीश ने सवर्ण जातियों के गरीब छात्रों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति और नकद सहायता जैसे कदमों की घोषणा की है।
वादे पूरे करने में मोदी से आगे केजरीवाल?

वादे पूरे करने में मोदी से आगे केजरीवाल?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम चुनाव के वक्त देश की जनता से कई वादे किये थे। अब केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार को नौ महीने बीत चुके हैं। लेकिन आम जनता को मोदी के वादे पूरे होते नज़र नहीं आ रहे हैं। हाल ही में अपने वादे से हटते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जिस तरह काले धन के मुद्दे पर जन अपेक्षाओं पर चोट की उससे मोदी और उनकी पार्टी की फजीहत ही हुई है। चुनाव से पहले मोदी ने कहा था कि चुनाव जीतने पर उनकी पार्टी विदेशों में पड़ा काला धन वापस लायेगी तो उससे देश के प्रत्येक व्यक्ति के खाते में डेढ़ लाख रुपये जाएंगे। बाद में शाह ने इसे सिर्फ चुनाव जुमला बताया। इसके बाद सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बीजेपी को लोग भारतीय जुमला पार्टी तक कहने लगे। आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जनता से कुछ वादे किये थे। तब विपक्ष ने, खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने, उनका मजाक बनाया था। अब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। सत्ता में आने के बाद केजरीवाल ने बिजली-पानी पर अपना वादा निभा दिया है।
भाजपा को 92 फीसदी चंदा कॉरपोरेट से

भाजपा को 92 फीसदी चंदा कॉरपोरेट से

वर्ष 2012-13 और 2013-14 में भले ही भारतीय जनता पार्टी देश की सत्ता में नहीं थी मगर चंदा जुटाने के मामले में उसने तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को मीलों पीछे छोड़ दिया था।
अब दीवाने आम में जवाबदेही

अब दीवाने आम में जवाबदेही

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की ऐतिहासिक जीत के गहरे मायने हैं, जिनकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में दूर और देर तक सुनाई देगी। नई सरकार के सामने चुनौतियां और अपेक्षाएं भी जबर्दस्त हैं।
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