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Search Result : "जाट-चौधरी"

मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

मिथक झुठलाते जनगणना के धार्मिक आंकड़े

पिछले साल भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्ता में क्या आई 1990 के दशक के मजहबी और जातिगत टकराव के गड़े मुर्दे मानो फिर से उखाड़े जाने लगे। एक तरफ जनगणना में धार्मिक समुदायों की जनसंख्या वृद्धि के चुनिंदा आंकड़े पूर्वाग्रह के रंग में रंगकर धीरे-धीरे सामाजिक और मुख्यधारा मीडिया में टपकाए जाने लगे और दूसरी ओर सत्तारूढ़ दल और उसके परिवार के तरह-तरह के गेरुआधारी ‘पूतों फलों’ और ‘घर वापसी’ के भड़काऊ भाषणों के जरिये बहुसंख्यक समुदाय का भयादोहन कर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध उन्माद पैदा करने की कोशिश करने लगे। नतीजतन देश में कई जगह अल्प तीव्रता वाले सांप्रदायिक उपद्रव होने लग गए, खासकर उन राज्यों में जहां विपक्ष की सरकारें थीं और आगे चुनाव होने थे।
मिर्चपुर के दलितों का मामला हाईकोर्ट के सामने

मिर्चपुर के दलितों का मामला हाईकोर्ट के सामने

उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के मिर्चपुर गांव में हिंसा के कारण विस्थापित हुए दलित समुदाय के सदस्यों के पुनर्वास के लिए दायर जनहित याचिका आज पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पास भेज दी।
जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले जाट आवेदकों की उस अपील को आज खारिज कर दिया जिसमें इन आवेदकों ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। इन आवेदकों ने जाट आरक्षण को सर्वोच्च अदालत द्वारा रद्द कर दिए जाने से पहले ओबीसी श्रेणी में बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा के अलग-अलग स्तर पर सफलता हासिल कर ली थी मगर आरक्षण रद्द हो जाने के कारण इन्हें अंतिम रूप से नौकरी नहीं दी गई।
डांगावास हिंसा के शिकार एक और दलित की मौत

डांगावास हिंसा के शिकार एक और दलित की मौत

दलितों पर अत्‍याचार का गढ़ बनते जा रहे नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंगों की हिंसा के शिकार एक और व्‍यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। गत 14 मई को जाट समुदाय के लोगों ने जमीन विवाद में तीन दलित कों ट्रैक्‍टर से कुचलकर मार डाला था, जबकि करीब दर्जन भर लोग बुरी तरह घायल हैं।
राजस्‍थान में जाट विरोधी हुआ गुर्जर आंदोलन

राजस्‍थान में जाट विरोधी हुआ गुर्जर आंदोलन

राजस्थान में गुर्जर फिर आंदोलन पर हैं। वे गुरुवार से मुंबई -दिल्ली रेल मार्ग को बाधित किए बैठे है। गुर्जर अपनी बिरादरी के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण का स्वरूप न्यायपूर्ण बंनाने की मांग भी उठा रहे हैं। कुछ और छोटी जातियों के समूह भी ओ. बी. सी. आरक्षण में एक प्रभावशाली जाति की ज्यादा हिस्सेदारी पर सवाल उठा रहे हैं। सरकार ने गुर्जरों को बातचीत का न्योता दिया है। मगर गुर्जर अब कोई ठोस प्रस्ताव चाहते हैं।
राजस्थान के गांव में दलितों की हत्या, बलात्कार से तनाव

राजस्थान के गांव में दलितों की हत्या, बलात्कार से तनाव

राजस्‍थान के नागौर जिले के डांगावास गांव में दबंग जाट जाति के एक व्यक्ति की हत्या के बाद में तीन दलितों को ट्रैक्टर से रौंद कर मार डालने की घटना के बाद सामाजिक तनाव गहरा गया है।
भाजपा को जाट आरक्षण पर दल में ही चुनौती

भाजपा को जाट आरक्षण पर दल में ही चुनौती

केंद्र सरकार ने नौ राज्यों में जाटों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की अधिसूचना निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि संविधान के तहत उसे अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में शामिल करने का अधिकार है। सरकार का यह कहना है कि आरक्षण प्रदान करने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 16(4) से प्राप्त होता है।
जाट आरक्षण पर दुविधा में भाजपा

जाट आरक्षण पर दुविधा में भाजपा

भारतीय जनता पार्टी अब जाट आरक्षण के मुददे पर दुविधा में दिखाई पड़ रही है। भले ही भाजपा यह कह रही हो कि जाट आरक्षण निरस्त करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। लेकिन पार्टी के ही कुछ सांसद जाटों को आरक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
जाट आरक्षण के पक्ष में कोर्ट पहुंचा केंद्र

जाट आरक्षण के पक्ष में कोर्ट पहुंचा केंद्र

नौ राज्यों में जाट समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में शामिल कर उन्हें आरक्षण का लाभ देने संबंधी संप्रग सरकार की 2014 की अधिसूचना निरस्त करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिये केन्द्र ने याचिका दायर की है।
आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

आरक्षण योग्यता पर पुनर्विचार जरूरी

पिछले दो महीने में दो अलग-अलग न्यायालयों ने आरक्षण को लेकर एक ही बात कही है। दोनों ही बार कोर्ट ने आरक्षण नीति जारी रखने को उचित कहा है लेकिन यह भी कहा है कि आरक्षण नीति में बदलाव, बल्कि इस पर सतत चिंतन की जरूरत है। यह राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मसला तो है लेकिन इस पर जो राजनीति होती रही है, उससे नीति का मकसद पूरा नहीं हो रहा है। वैसे, राजनीतिक दल इसे लेकर रोटी सेंकने की जब भी कोशिश करते हैं, उनके हाथ में फफोले ही पड़े हैं। यह तो सब जानते ही हैं कि मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने वाली वीपी सिंह सरकार लौटकर सत्ता में नहीं आई।
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