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केंद्र, राज्य जीएसटी पर आम सहमति पर पहुंचे, एक जुलाई से लागू होगा

केंद्र, राज्य जीएसटी पर आम सहमति पर पहुंचे, एक जुलाई से लागू होगा

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने की दिशा में आज बड़ी कामयाबी हासिल हुई। जीएसटी के प्रशासन को लेकर गतिरोध समाप्त हो गया। केंद्र अधिकतर छोटे करदाताओं पर नियंत्राण का जिम्मा राज्यों को देने पर सहमत हो गया लेकिन जीएसटी को अब एक जुलाई से लागू किया जायेगा।
जेटली को जीएसटी पहली अप्रैल से लागू होने की उम्मीद

जेटली को जीएसटी पहली अप्रैल से लागू होने की उम्मीद

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज फिर कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित लंबित मुद्दे यदि हल हो जाएं तो केंद्र सरकार अब भी इस प्रणाली को आगामी पहली अप्रैल से लागू करना चाहेगी।
जीएसटी अप्रैल से सितंबर के बीच कभी भी लागू किया जा सकता है: जेटली

जीएसटी अप्रैल से सितंबर के बीच कभी भी लागू किया जा सकता है: जेटली

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के एक अप्रैल 2017 से लागू होने में संदेह के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लेनदेन से जुड़ा कर है और इसे वर्ष के दौरान किसी भी समय लागू किया जा सकता है।
1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्‍य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्‍वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि, रोजगार निर्माण की उम्मीद : आदि गोदरेज

विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि, रोजगार निर्माण की उम्मीद : आदि गोदरेज

उद्योगपति आदि गोदरेज ने उम्मीद जताई कि एक बार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू हो जाने के बाद विनिर्माण क्षेत्रा में वृद्धि होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार निर्माण भी होगा।
कैशलैस इकॉनॉमी अभी दूर की बात : आदि गोदरेज

कैशलैस इकॉनॉमी अभी दूर की बात : आदि गोदरेज

जाने-माने उद्योगपति आदि गोदरेज का मानना है कि सरकार का नोटबंदी का फैसला देश और अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले दिनों में अच्छा साबित होगा लेकिन नकदी रहित अर्थव्यवस्था (कैशलैस इकॉनॉमी) की बात करना अभी दूर की बात है।
शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से, नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे

संसद के 16 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में जीएसटी से जुड़े तीन विधेयकों और किराये की कोख के नियमन संबंधी विधेयक सहित नौ नये विधेयक पेश किये जाएंगे। संसद में पेश होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े तीन विधेयकों में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व के नुकसान का मुआवजा) विधेयक शामिल हैं।
जीएसटीः करदाता इकाइयों पर अधिकार को लेकर नहीं बन सकी सहमति

जीएसटीः करदाता इकाइयों पर अधिकार को लेकर नहीं बन सकी सहमति

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली के लिये चार स्तरीय कर दरें तय करने के बाद आज केन्द्र और राज्यों के बीच विभिन्न करदाता इकाइयों पर अधिकार क्षेत्र को लेकर सहमति नहीं बन सकी।
जीएसटी के चार स्तरीय कर ढांचे को मंजूरी, महंगाई होगी कम

जीएसटी के चार स्तरीय कर ढांचे को मंजूरी, महंगाई होगी कम

अगले साल एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली लागू करने की दिशा में एक बड़ी बाधा आज दूर हो गई। जीएसटी परिषद ने जीएसटी के लिये 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय कर ढांचे को आज मंजूरी दे दी। इसमें खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को शून्य कर दायरे में रखा गया है जबकि सामान्य उपभोग की ज्यादातर वस्तुओं पर पांच प्रतिशत कर लगाया जायेगा। इससे महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगी। इसके विपरीत आलीशान कारों, तंबाकू, पान मसाला, पेय पदार्थों जैसी गैर-जरूरी वस्तुओं पर सबसे ऊंची दर से जीएसटी लगेगा। इन पर अतिरिक्त उपकर और स्वच्छ उर्जा उपकर भी लगेगा जिससे कुल मिलाकर इन पर कर की दर मौजूदा स्तर पर ही रहेगी।
जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
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