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Search Result : "ट्रांसजेंडर शादियां"

ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

ट्रांसजेंडरों का सवालः जननांग वालों के ही होते हैं हक?

अभी तक वे अधिकार जो समानता देते हैं और मानवाधिकारों को महफूज करते हैं वे महिलाओं और पुरुषों के लिए हैं। उनमें ट्रांसजेंडर कम शामिल हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की नालसा जजमेंट के तहत इनके अधिकार परिभाषित किए गए थे लेकिन इनके अनुसार सब कागजों में हैं। वर्ष 2014 में ट्रांसजेंडर्स के अधिकार सुनिश्चित करता एक निजी बिल भी राज्यसभा में पेश किया था। यह बिल डीएमके के राज्यसभा सदस्य तिरुचि सिवा ने पेश किया था। राज्यसभा ने इसे पारित भी कर दिया था। अब यह बिल लोकसभा में पेश होना है लेकिन ट्रांसजेंडर समुदाय इसके खिलाफ है। कर्नाटक ट्रांसजेंडर समिति के बैनर तले इस बिल के मौजूदा रूप की मुखालफत हो रही है।
यूपीएससी परीक्षा में फिलहाल ट्रांसजेंडर श्रेणी नहीं

यूपीएससी परीक्षा में फिलहाल ट्रांसजेंडर श्रेणी नहीं

केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह (संघ लोक सेवा आयोग) यूपीएससी परीक्षाओं में ट्रांजेंडरों को शामिल करने के लिए नियम नहीं बना सकता क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अभी तीसरे लिंग की परिभाषा स्पष्ट नहीं की है।
एचआईवी के खिलाफ एक ट्रांसजेंडर का संघर्ष

एचआईवी के खिलाफ एक ट्रांसजेंडर का संघर्ष

अमेरिका में हो रहे स्वास्थ्य सम्मेलन में अमृता पहली ट्रांसजेंडर हैं जो शिरकत करेंगी। वह वहां इस समुदाय की स्वास्थ्य परेशानी पर रोशनी डालेंगी। वह कहती हैं हमें समाज से बस थोड़ा सा प्यार और सम्मान चाहिए
भारतीय शादियों से करोड़ो डॉलर कमा रहे अमेरिकी

भारतीय शादियों से करोड़ो डॉलर कमा रहे अमेरिकी

बारात का मजा तो तभी है जब दूल्हा घोड़ी पर हो और बाराती घोड़ी के आगे नागिन डांस कर सकें। भारत में तो बाराती इसका मजा उठा सकते हैं, लेकिन अमेरिका में तो दूल्हे राजा कार में बैठ कर ही दुलहनिया को विदा कराने पहुंचते थे। लेकिन यदि आप अमेरिका में रहते हैं और घोड़ी पर दूल्हे राजा को ले जाना चाहें तो उसका भी इंतजाम है। आप दूल्हे को घोड़ी पर बैठा कर बारात ले जाने में खुश रहिए और अमेरिका के होटल करोड़ो डॉलर कमा कर खुश होंगे।
बांग्ला फिल्म में दिखेगी महिला ट्रांसजेंडर की कहानी

बांग्ला फिल्म में दिखेगी महिला ट्रांसजेंडर की कहानी

जाने माने जादूगर पी. सी. सरकार की बेटी मुमताज अपनी आगामी फिल्म में महिला ट्रांसजेंडर की भूमिका निभा रही हैं और पहली बार किसी बांग्ला फिल्म में ऐसे विषय को उठाया जा रहा है।
आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

आगाज तो अच्छा , अंजाम क्या होगा

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं। हालांकि इनकी गिनती इससे कहीं ज्यादा है। इनके अधिकारों की बात करें तो तमिलनाडु राज्य में इन्हें सबसे अधिक अधिकार प्राप्त हैं।
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