हम नेपाल को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाना चाहते। हमारी पूरी कोशिश है कि यह धर्मनिरपेक्ष देश बना रहे। हालांकि नेपाली कांग्रेस सहित कुछ अन्य पार्टियां हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जोर लगाए हुए हैं।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अन्य पिछले वर्ग के हैं। इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा है कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पिछड़े वर्ग हैं। शाह के इस दावे को जनता दल यूनाइटेड सहित कई नेताओं ने खंडन किय है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आज शबनम और उसके प्रेमी को दी गई फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एक बार फिर मृत्य दंड पर बहस तेज हो गई है। इस बहस में में एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की नई रिपोर्ट –भारतः अंतःकरण के नाम पर मौत (इंडियाः डेथ इन द नेम ऑफ कॉन्सिएंस) ने नई रोशनी डाली है। इस रिपोर्ट ने समाज के विवेक या अंतःकरण के नाम पर दिए गए मृत्यु दंड के पीछे के विरोधाभास, कानूनी मानदंड़ों के ह्रास को बेबाकी से सामने रखा है।
दिसंबर 2013 दंगा मामले में देश के 25 आरोपियों में से अंतिम भारतीय की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील और पुलिस के बीच सबूतों को लेकर तीखी बहस हुई और वकील ने एक पुलिस अधिकारी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
आउटलुक को बताइए अपनी राय, आखिर हादसों के वक्त ही क्यों याद आता है आपदा प्रबंधन? अनियोजित विकास की भेंट चढ़ चुके दिल्ली जैसे शहरों में भूकंप के तगड़े झटके आए तो किसे दोषी ठहराएंगे हम?
इंटरनेट तटस्थता पर टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन राहुल खुल्लर से एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित हुई बातचीत के बाद इसकी बहस कुछ दूसरी ओर मुड़ गई है। राहुल खुल्लर ने इसे कारपोरेट युद्ध करार दिया।
भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों अपने बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा का दौर चल रहा है। पहले बेंगलुरू में आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लालकृष्ण आडवाणी को बोलने का अवसर नहीं दिया गया जबकि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि आडवाणी कार्यकारिणी की बैठक में हों और उनका संबोधन न हुआ हो।
आइसीसी के प्रेसीडेंट मुस्तफा कमाल के इस्तीफा देने से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। वह इस बात से नाराज थे कि वर्ल्ड कप क्रिकेट ट्रॉफी उनके बदले आइसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन ने विजेता टीम को सौंपी।
पिछले कुछ अरसे से आइसीसी में भारत का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। क्रिकेट के लिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास अथाह पैसा। भारत में क्रिकेट में ढेर सारा काला धन और सटोरियों का पैसा लगा है। मैच फिक्सिंग और उसके पैसे की जड़ें भी भारत में ही हैं।