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Search Result : "त्रिपुरा हिंंसा"

पूर्वोत्तर में 5.7 तीव्रता का भूकंप, एक की मौत, चार घायल

पूर्वोत्तर में 5.7 तीव्रता का भूकंप, एक की मौत, चार घायल

त्रिपुरा में आज दोपहर आए 5.7 की मध्यम तीव्रता के भूकंप से देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र हिल गया और पर्वतीय राज्य में कई जगह भूस्खलन हुए। भूकंप से जुड़ी घटनाओं में एक महिला की मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप दोपहर दो बजकर 39 मिनट पर आया जिसका केंद्र राज्य के धलाई जिले में 28 किलोमीटर की गहराई पर था। डरे लोग घरों, दुकानों एवं इमारतों से बाहर भागे।
उप चुनाव : मध्‍य प्रदेश में भाजपा का जादू बरकरार, त्रिपुरा में माकपा जीती

उप चुनाव : मध्‍य प्रदेश में भाजपा का जादू बरकरार, त्रिपुरा में माकपा जीती

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्‍य प्रदेश, असम, पुडुचेरी, त्रिपुरा में लोकसभा की चार सीटों और विधानसभा की 8 सीटों पर हुए उपचुनावों में नतीजे मिले जुले रहे। त्रिपुरा में विधानसभा सीटों में माकपा का वर्चस्‍व रहा तो मध्‍यप्रदेश की शहडोल लोकसभा और नेेपानगर विधानसभा सीट में भाजपा के प्रत्‍याशियों को जीत मिली है। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने नेल्लिथोपे विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर ली है।
आम हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर, 26 हजार करोड़ की चपत

आम हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर, 26 हजार करोड़ की चपत

देश के 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर पड़ा है। केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार और झारखंड में हड़ताल के चलते बैंकिंग, औद्योगिक, वाणिज्यिक और परिवहन सेवाओं पर असर देखा गया। बैंकिंग सेवाएं तो देश भर में प्रभावित हुई हैं। राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में सेवाएं सामान्य रहीं। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल की अपील का मिला-जुला असर दिखा। राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहे। प्राइवेट बैंक कहीं खुले रहे, कहीं बंद।
दीपा का त्रिपुरा में भव्य स्वागत

दीपा का त्रिपुरा में भव्य स्वागत

हाल में समाप्त हुए रियो ओलंपिक की जिमनास्टिक स्पर्धा में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल करने वाली दीपा कर्मकार का आज अगरतला में घर वापसी पर भव्य स्वागत किया गया। हजारों लोग स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में एकत्रित हुए। उन्होंने दीपा के स्वागत के लिये तिरंगा फहराया और पटाखे फोड़े।
त्रिपुरा को बांग्लादेश के रास्ते मिलेगा खाद्य एवं ईंधन

त्रिपुरा को बांग्लादेश के रास्ते मिलेगा खाद्य एवं ईंधन

भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरदेशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल (आईडब्ल्यूटीटीपी) के औपचारिक तौर पर लागू होने के बाद खाद्यान्न एवं ईंधन जैसे आवश्यक जिंसों को पड़ोसी देश बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा भेजने के कदम उठाए जा रहे हैं। इस संधि में बांग्लादेश के रास्ते पूर्वोत्तर के भारतीय इलाकों में व्यापार पारगमन की अनुमति का प्रावधान है।
एक्सक्लूसिव : भारत में घुसपैठ कर छिपने की कोशिश में ढाका हमले के 11 साजिशकर्ता

एक्सक्लूसिव : भारत में घुसपैठ कर छिपने की कोशिश में ढाका हमले के 11 साजिशकर्ता

बांग्लादेश से सटे भारतीय इलाकों में सीमा सुरक्षा बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारत के सीमावर्ती गांवों में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। ढाका के कैफे पर आतंकी हमले के बाद साजिशकर्ताओं में से कई के भारत भागकर आने और यहां छुपने की आशंका जताई जा रही है। असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल की पुलिस और सीमा सुरक्षा बल का संयुक्त अभियान एवं रिवर पेट्रोलिंग सरहदी इलाकों में शुरू किया गया है। मेघालय, मिजोरम, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में भी सतर्कता जारी की गई है।
त्रिपुरा मेंं कांग्रेस के पूर्व मुख्‍यमंत्री सहित सात विधायक टीएमसी में जाएंगेे

त्रिपुरा मेंं कांग्रेस के पूर्व मुख्‍यमंत्री सहित सात विधायक टीएमसी में जाएंगेे

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री समीर रंजन बर्मन और छह अंसतुष्ट कांग्रेस विधायक अगले माह रमजान समाप्त होने पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। इनमें बर्मन के विधायक पुत्र सुदीप शामिल हैं।
माणिक सरकार, केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं असम के युवा

माणिक सरकार, केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं असम के युवा

बदलाव की उम्मीद पाले असम के छात्र अपने राज्य में पड़ोसी राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसा मुख्यमंत्री चाहते हैं। इनमें ज्यादातर मतदाता इस बार के चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे।
मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

मोदी ने जो सबक बिहार में नहीं सीखा वो सबक असम सिखाएगा उन्हें- मणिशंकर अय्यर

पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना रखनी है तो अफ्सपा जरूरी: पर्रिकर

जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना रखनी है तो अफ्सपा जरूरी: पर्रिकर

त्रिपुरा में विवादास्‍पद अफ्सपा कानून भले ही हट गया है लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि अगर जम्‍मू-कश्‍मीर या देश के किसी राज्‍य में आंतरिक सुरक्षा के लिए सेना को तैनात रखना है तो अफ्सपा जरूरी है।
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