थोक मूल्य मुद्रास्फीति में चार महीने से चल रहा तेजी का सिलसिला जनवरी में टूट गया और इस महीने यह घटकर शून्य से 0.9 प्रतिशत नीचे रही। खाद्य उत्पादों, मुख्य तौर पर सब्जियों और दलहन के सस्ते होने से जनवरी में थोक मुद्रास्फीति नरम पड़ी है।
सरकार ने 1 अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए प्राकृतिक गैस मूल्य में 16 प्रतिशत तक की कटौती लागू कर दी है। सरकार द्वारा पिछले साल अक्टूबर में अनुशंसित फॉर्मूले के मुताबिक, प्राकृतिक गैस का मूल्य घटकर 4.24 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट हो जाएगा जो फिलहाल 5.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। इससे जल्द ही सीएनजी और पीएनजी मूल्यों में कटौती की संभावना है।
चुनाव आयोग का बिगुल बजने से पहले और चुनाव अभियान चल निकलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने नतीजे दिखाने शुरू कर दिए। कुछ बानगी:
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पेट्रोल पर 17 रुपये प्रति लीटर की दर से एकमुश्त कर लगाने का फैसला किया है, जिससे प्रदेश में पेट्रोल के दाम मौजूदा कीमत से 5.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे।
पिछले महीने मंहगाई दर घटकर शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे चली गई। आज जारी हुए महंगाई के आंकड़ों में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई। हालांकि इस दौरान प्याज और दलहन लगातार मंहगी हुई हैं।
यह तो सभी मानते थे कि चीन दुनिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है मगर इस बार इसका असर गंभीरता से नजर आया। चीन के इस प्रभाव ने दुनिया की अर्थव्यवस्था के प्रति चिंता बढ़ा दी है।
सरकार ने केरोसिन पर सब्सिडी भुगतान 12 रुपये प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर पर 18 रुपये प्रति किलो तय की है। यह बात सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की लगातार गिरती कीमत के बीच शुक्रवार को होने वाली समीक्षा बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में कटौती का फैसला हो सकता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 53.17 डॉलर प्रति बैरल चल रही है और इस लिहाज से देखा जाए तो पेट्रोल की कीमत 4-5 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती है।