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Search Result : "नस्लीय रवैया"

पिछले 4 साल से टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही सरकार, नहीं की लोकपाल की नियुक्ति: अन्ना हजारे

पिछले 4 साल से टाल-मटोल का रवैया अपनाती रही सरकार, नहीं की लोकपाल की नियुक्ति: अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण केन्द्र...
मायावती ने दी धर्म परिवर्तन की चेतावनी, कहा- भाजपा जातिवादी रवैया बदले वरना बन जाऊंगी बौद्ध

मायावती ने दी धर्म परिवर्तन की चेतावनी, कहा- भाजपा जातिवादी रवैया बदले वरना बन जाऊंगी बौद्ध

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को आजमगढ़ की एक रैली के जरिए जमकर यूपी सरकार पर हमला...
पिछले 3 साल में 41 फीसदी बढ़े धार्मिक और नस्लीय घृणा के अपराध

पिछले 3 साल में 41 फीसदी बढ़े धार्मिक और नस्लीय घृणा के अपराध

देश में पिछले तीन सालों में धार्मिक और नस्लीय घृणा के अपराधों में 41% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बात का खुलासा सरकार ने बुधवार को लोकसभा में किया।
कश्मीर पर मोदी सरकार ने आतंकियों जैसा अतिवादी रवैया अपनाया: चिदंबरम

कश्मीर पर मोदी सरकार ने आतंकियों जैसा अतिवादी रवैया अपनाया: चिदंबरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने मोदी सरकार पर कश्मीर मसले को लेकर पर अतिवादी रूख अपनाने का आरोप लगाया है।
ट्रंप घृणा और हिंसा भड़काते हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया: हिलेरी

ट्रंप घृणा और हिंसा भड़काते हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया: हिलेरी

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप घृणा और हिंसा भड़काते हैं। उन्होंने ट्रंप के विवादास्पद भाषणों और बयानों पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार मुहिम में ऐसा कभी नहीं देखा गया।
'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

'सेंसर बोर्ड का रवैया शुुतुरमुर्ग जैसा'

देश में इस समय बहुत ही अलोकतांत्रिक माहौल है। मेरा मानना है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में हर इंसान को अपनी बात कहने का हक है। पंजाब की समस्याएं किसी से ढकी-छिपी नहीं हैं। कौन नहीं जानता कि पंजाब और पंजाबियत को ड्रग्स माफिया ने बरबादी के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह समस्या कोई आज की नहीं है। बीते 30 सालों से पंजाब नशे की गिरफ्त में है। जिस भी हुकूमत ने पंजाब पर राज किया, उसके सिपहसालार नशों के कारोबार से वाकिफ रहे हैं लेकिन अफसोस कि कोई हुकूमत इस पर शिकंजा नहीं कस पाई। सियासतदानों की नाक के नीचे यह कारोबार फलता-फैलता रहा।
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