लालू प्रसाद यादव, सुखराम और अब शशिकला, उनकी संरक्षक तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जयललिता एवं उनके करीबियों को सर्वोच्च अदालत से सजा, जेल, जुर्माना भारतीय न्याय व्यवस्था की साख बढाने वाला है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
आज यानी 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की 31वीं बरसी पर भोपाल में कई श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन होगा। सन 1984 में 2 और 3 तारीख की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनाइड गैस लीक होने से 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे।
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की 32वीं बरसी पर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले और दंगाइयों पर आंखें बंद कर लेने वाले सरकारी अधिकारियों को हिंसा में सहायता करने वाला घोषित किया जाना चाहिए।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ताजा हमले में अमेरिका के न्याय विभाग पर निशाना साधा है। ट्रंप ने विभाग पर अपनी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को ईमेल विवाद में बचाने की कोशिश का आरोप लगाया है।
भारत में चाय का उत्पादन मुख्य तौर पर उत्तर बंगाल में ही होता है। लेकिन अब यहां कि स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में बंद और खस्ताहाल चाय बागानों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी बेचैनी बढ़ा दी है।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
सुप्रीम कोर्ट लगातार जनता को विश्वास दिला रही है कि कानून के सामने बड़े से बड़ा अपराधी, सरकार में बैठे मंत्री या नेता, खेल राजनीति के शीर्ष संगठन बराबर हैं। उनकी सत्ता न्यायालय के दरवाजे पर बौनी है।
आतंकवाद के आरोप में 23 वर्ष सलाखों के पीछे बिताने के बाद बाइज्जत बरी होकर आए निसार अहमद ने जब अपनी दास्तां सुनाई तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। मौका था इनोसेंट नेटवर्क इंडिया द्वारा कॉन्सटीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह का, जिसमें आतंकवाद के आरोप में बाइज्जत रिहा होने वाले मुस्लिम लड़कों को न्याय दिलवाने की पुरजोर मांग उठाई गई।