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समीक्षा – टनकपुर का कानून

समीक्षा – टनकपुर का कानून

पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने विनोद कापड़ी की पहली फिल्म मिस टनकपुर हाजिर हो बॉक्स ऑफिस के कमाई के रिकॉर्ड तोड़ पाएगी या नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन अपनी पहली ही फिल्म में विनोद कापड़ी ने बता दिया है कि यह एक जरूरी फिल्म है।
आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

आपातकाल की बरसी: दु:स्वप्न से ऐन पहले

वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्‍ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
लेफ्टी हो गई आलिया

लेफ्टी हो गई आलिया

आलिया भट्ट ने ट्विटर पर अपने कंधे में चोट की खबर क्या डाली उनके प्रशंसक चिंता में आ गए हैं। आलिया अपनी फिल्म की शूटिंग के दौरान घायल हो गई हैं।
समीक्षा - एबीसीडी-2

समीक्षा - एबीसीडी-2

यदि आप नृत्य, माफ कीजिए डांस वह भी हिपहॉप डांस के शौकीन हैं तो ही यह फिल्म आपके लिए है। थ्रीडी होने के बावजूद यह फिल्म कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ती है। लेकिन हां बच्चों को यह फिल्म पसंद आ सकती है और शायद उन्हें भी जो टेलीविजन पर आने वाले एेसे शो का हिस्सा होना चाहते हैं।
कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

बजरंगी भाईजान 30 दिन दूर, ट्रेलर जारी

रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। यह मुकद्दस महीना खत्म होते-होते मीठी सेवइयों की खुशबू हवा में तैरने लगेगी। और एक बात जो फिजाओं में होगी वह है बजरंगी भाई जान के जलवे।
आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

आईफा में क्वीन और हैदर का जलवा

क्वीन फिल्म का पुरस्कार जीतने का सिलसिला जारी है। विकास बहल की इस फिल्म ने आईफा अवॉर्ड समारोह में भी इस परंपरा को बनाए रखा। सोहलवें आईफा अवॉर्ड में क्वीन के साथ विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर की झोली में भी कई पुरस्कार आए। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री कंगना रनौत और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार शाहिद कपूर के नाम रहा।
समीक्षा - दिल नहीं धड़का

समीक्षा - दिल नहीं धड़का

यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।
अपने दिल की ‘क्वीन’

अपने दिल की ‘क्वीन’

कंगना द्वारा यह कहकर फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकराना कि सेलिब्रिटीज की भी कुछ जिम्मेदारी होनी चाहिए, मुझे बहुत पसंद आया। मुझे यकीन है कि बॉलीवुड के पुरुष सितारे इस पहाड़ी कन्या से कुछ नसीहत लेंगे। लेकिन मैं यह भी कहना चाहती हूं कि तनु वेड्स मनु रिटर्न्स मुझे बहुत उबाऊ लगी। फिल्म देखकर मुझे लगा कि आखिर उससे जुड़ा शोर किस बात का था। मुझे बरसों पहले गैंगस्टर (जिसमें अब लगभग बर्बाद हो चुका शाइनी आहूजा भी लाजवाब था) में अपने लीक से जुदा रूप रंग से भाने वाली कंगना की यह अब तक की सबसे बेकार फिल्म लगी। मेरी राय में वह नशे की शिकार मॉडल के रूप में फैशन में अपने छोटे से रोल में प्रियंका चोपड़ा से कहीं अधिक असरदार रही थी। वहीं क्वीन, फिल्म और उसकी नायिका दोनों बेहद चमत्कारी थे।
आइफा अवॉर्ड होस्ट करेंगे रणवीर और अर्जुन

आइफा अवॉर्ड होस्ट करेंगे रणवीर और अर्जुन

इस साल आइफा पुरस्कारों की मेजबानी रणवीर सिंह के साथ करने को लेकर उत्साहित अभिनेता अर्जुन कपूर को इस बात की खुशी है कि राम लीला के अभिनेता रणवीर के साथ उनके तालमेल को दर्शको ने पसंद किया है।
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