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भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी: मूडीज

भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी: मूडीज

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस वर्ष आंशिक रूप से बढ़कर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2014 में 7.2 प्रतिशत थी और ब्याज दरों में कटौती से निजी क्षेत्र में व्यय बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बात वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज की समूह कंपनी ने कही।
2017 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत हो जाएगी

2017 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर आठ प्रतिशत हो जाएगी

विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 तक आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और देश में मजबूत विस्तार तथा तेल की अनुकूल कीमतों के चलते दक्षिण एशिया की वृद्धि दर बढ़ेगी।
भारत की वृद्धि दर चीन से 7.8 प्रतिशत आगे होगी : एडीबी

भारत की वृद्धि दर चीन से 7.8 प्रतिशत आगे होगी : एडीबी

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगवार को अनुमान जताया है कि भारत की वृद्धि दर चीन को पार कर अगले वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी और 2016-17 में यह 8.2 प्रतिशत हो जाएगी।
आरटीई के तहत 29 प्रतिशत सीटें ही भरी गईं

आरटीई के तहत 29 प्रतिशत सीटें ही भरी गईं

2013-14 में देशभर में स्कूलों में वंचित वर्ग के छात्रों के लिए कानून के इस उपबंध के तहत आरक्षित सीटों की संख्या 21,40,287 थी जिसमें से केवल 29 प्रतिशत ही भरी जा सकीं।
विधेयक पास करने के लिए भाजपा की रणनीति

विधेयक पास करने के लिए भाजपा की रणनीति

भाजपा ने अपने सांसदों को निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण, कोयला तथा खान जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने के समय वे संसद के अपने अपने सदनों में पूरे दिन मौजूद रहें।
भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पास

भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पास

भूमि अधिग्रहण अधिनियम विधेयक विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में पास हो गया। कुल 11 संशोधनों के साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हुआ। इससे पहले विपक्ष ने एकजुट होकर कहा कि सरकार ने इस प्रस्ताव में केवल कारपोरेट के हितों को ध्यान में रखा है। कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने सदन से वॉक आउट किया।
आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, एसएलआर आधा प्रतिशत घटा

आरबीआई की नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं, एसएलआर आधा प्रतिशत घटा

राजकोषीय और मुद्रास्फीति सेहत अपरिवर्तित रहने के कारण ब्याज दरों को कम करने की जरूरत नहीं, रेपो दर को भी 7.75 प्रतिशत पर ही बरकरार रखा