Advertisement

Search Result : "प्राकृति‍क आपदा"

पीएम ने किया चेन्‍नई का दौरा, 1000 करोड़ की मदद का ऐलान

पीएम ने किया चेन्‍नई का दौरा, 1000 करोड़ की मदद का ऐलान

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भारी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। स्थिति का जायजा लेने के लि्ए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चेन्नई पहुंचे। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री जयललिता से मुलाकात के दौरान तमिलनाडु को 1000 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त मदद देने का ऐलान किया है। लगातार बारिश के चलते चेन्नई और उससे सटे कई उपनगरों में हालात बेहद खराब हैं। राज्‍य में बारिश और बाढ़ की वजह से मरने वालों का आंकड़ा 269 तक पहुंच चुका है।
गर्मी से 1100 लोगों की मौत, सरकार जश्‍न में व्‍यस्‍त

गर्मी से 1100 लोगों की मौत, सरकार जश्‍न में व्‍यस्‍त

भीषण गर्मी और लू से अब तक देश में 1100 से ज्‍यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके बावजूद अभी तक इसे राष्‍ट्रीय आपदा नहीं माना जा रहा है। नेपाल भूकंप में तुरंत राहत पहुंचाने वाली केंद्र सरकार भी इस मामले को हल्‍के में ले रही है।
मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

मोदी छवि प्रबंधकों ने नेपाल में लगाया बट्टा

कष्ट में पड़े लोग सरल हृदय करुणा के स्पर्श की सांत्वना के भूखे होते हैं। आत्मरत चतुराई उनके जले पर नमक छिडक़ती है। यह बात मोदी सरकार के चालाक मीडिया प्रबंधक नहीं समझ पाए। वे यह भी भूल गए कि भारतीय टेलीविजन, खासकर हिंदी टेलविजन, नेपाल के लोग भी देखते और समझते हैं।
आपदा से टूट गया नेपाल

आपदा से टूट गया नेपाल

नेपाल में आए भीषण भूकंप ने जहां इस देश को बुरी तरह से झकझोर दिया वहीं इस देश की सीमा से लगे भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का आदेश हुआ कि एक समाजवादी टीम को नेपाल में जाकर लोगों की मदद करनी चाहिए। इसका नेतृत्व माननीय मुख्यमंत्री जी ने मुझे सौंपा और मैं २७ अप्रैल को ५० सदस्यीय टीम लेकर लखनऊ से नेपाल रवाना हो गया।
नेपाल फिर झटके, मृतकों की संख्या 7 हजार के पार

नेपाल फिर झटके, मृतकों की संख्या 7 हजार के पार

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढकर 7 हजार से ज्‍यादा हो गई है और 14,025 अन्य लोग घायल हुए हैं। अब मलबे में शायद ही किसी के जिंदा बचे होने की उम्‍मीद बची है।
नेपाल में तबाही के बाद बीमारी से बचने की चुनौती

नेपाल में तबाही के बाद बीमारी से बचने की चुनौती

भूकंप से तबाह हुए नेपाल में शवों को मलबे से निकालना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। कई देशों से भेजी जा रही मदद के बावजूद दूरदराज के इलाकों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। इस बीच, सड़ती लाशों की वजह से बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
एवरेस्ट पर फिर आपदा

एवरेस्ट पर फिर आपदा

भूकंप ने नेपाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जाने वाले एवरेस्ट की कमर पर चोट की। ठीक एक साल बाद एवरेस्ट को फिर से आपदा ने घेरा। पिछली बार की ही तरह इस बार भी एवरेस्ट की चढ़ाई के चरम सीजन के दौरान आई आपदा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को गिरफ्त में लेने वाली अब तक की सबसे भयानक आपदा हो गई है।
तिब्बत में भी भूकंप, मरने वालों की संख्या 20 हुई

तिब्बत में भी भूकंप, मरने वालों की संख्या 20 हुई

नेपाल में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण दक्षिण पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 20 हो गई है जबकि प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव का सिलसिला जारी है।
आपदा के वक्‍त ही क्‍यों जागते हैं हम

आपदा के वक्‍त ही क्‍यों जागते हैं हम

आउटलुक को बताइए अपनी राय, आखिर हादसों के वक्‍त ही क्‍यों याद आता है आपदा प्रबंधन? अनियोजित विकास की भेंट चढ़ चुके दिल्‍ली जैसे शहरों में भूकंप के तगड़े झटके आए तो किसे दोषी ठहराएंगे हम?
Advertisement
Advertisement
Advertisement