चीन के बेल्ट एंड रोड योजना पर भारत के रूख से नाराज चीन ने कहा है कि उसे बताना चाहिए कि वह इस बारे में चीन से किस तरह की अर्थपूर्ण बातचीत करना चाहता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने दो दिन पहले कहा था कि चीन को ओबीओआर के बारे में भारत की चिंताओं के बारे में अर्थपूर्ण बातचीत करनी चाहिए।
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की 32वीं बरसी पर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले और दंगाइयों पर आंखें बंद कर लेने वाले सरकारी अधिकारियों को हिंसा में सहायता करने वाला घोषित किया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ ने कहा कि सेना ने पाकिस्तान के शासन में अक्सर अहम भूमिका निभाई है क्योंकि लोकतंत्र को इस देश के माहौल के अनुसार नहीं ढाला गया है।
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री पद से के पी ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है। ओली ने अविश्वास प्रस्ताव को देश को प्रयोगशाला में बदलने और नए संविधान को लागू करने में रोड़ा अटकाने की विदेशी ताकतों की साजिश करार दिया।
दिल्ली के विज्ञान भवन में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड सूफी फोरम का उद्घाटन किया। चार दिन तक चलने वाले इस फोरम में 20 देशों के करीब 200 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के आखिरी दिन रामलीला मैदान में एक रैली का भी आयोजन किया जा रहा है।
सिटीजंस फोरम फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य गोपाल कृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखा है। यह पत्र बायोमेट्रिक आधार संख्या के संदर्भ में निजता के अधिकार पर दायर याचिका के संबंध में संविधान पीठ बनाए जाने के न्यायालय के आदेश पर है। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस संवैधानिक पीठ का गठन अभी तक नहीं किया गया है। गोपाल कृष्ण का कहना है कि मुख्य न्यायधीश ने स्वंय कहा था कि यह मामला जरूरी है।
दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मौत को लेकर विरोध का सामना कर रहे हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव पोदिले आज छुट्टी पर चले गए, लेकिन प्रदर्शन और भी तेज हो गया। दलित शिक्षकों ने आरोप लगायाा कि अंतरिम प्रभार संभालने वाले प्रोफेसर की इस मामले तथा एक अन्य दलित छात्रा की खुदकुशी के मामले गहरी संलिप्तता थी।
एक चौथाई शताब्दी से भी ज्यादा समय से परेश बरुआ भारतीय सेना और पुलिस को चकमा देकर बचते आ रहे हैं। यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ वेस्ट साउथ ईस्ट एशिया (युएनएलएफडब्ल्यूएसइए) के गठन में प्रमुख भूमिका निभानेवाले और अभी के समय भारतीय सेना के विरुद्ध आक्रामक रुख रखे हुए प्रतिबंधित संगठन उल्फा के सेनापति बरुआ का एनएससीएन(के) के अध्यक्ष एस.एस. खापलांग से घनिष्ठ संबंध है।