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कर्नाटक के लोकायुक्त का इस्तीफा

कर्नाटक के लोकायुक्त का इस्तीफा

कर्नाटक के लोकायुक्त वाई भास्कर राव ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा सोमवार को कर्नाटक लोकायुक्त के प्रभारी रजिस्ट्रार एन.एस. बालाकृष्‍ण ने राज्यपाल वजुभाई आर वाला को सौंपा। मंगलवार को राज्यपाल ने इस्तीफा मंजूर कर लिया।
दिल्ली में 'कार-फ्री डे', साइकिल पर निकले केजरीवाल

दिल्ली में 'कार-फ्री डे', साइकिल पर निकले केजरीवाल

लोगों को सार्वजनिक वाहन के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से आज दिल्‍ली में 'कार-फ्री डे' मनाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लाल किले से भगवान दास मार्ग के बीच आयोजित साइकिल रैली का नेतृत्व किया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, दिल्‍ली के कई मंत्री और नौकरशाहों ने भी इस रैली में भाग लिया।
नई जंग: दिल्ली पुलिस ने नहीं दी 'कार-फ्री डे' मनाने की मंजूरी

नई जंग: दिल्ली पुलिस ने नहीं दी 'कार-फ्री डे' मनाने की मंजूरी

दिल्ली पुलिस ने 22 अक्‍टूबर को कार-फ्री डे मनाने की केजरीवाल सरकार की योजना को यह कहते हुए मंजूरी देने से इनकार कर दिया है कि सरकार ने यह फैसला करने से पहले पुलिस बल से विचार-विमर्श नहीं किया।
आईसीएचआर पैनलः रोमिला थापर, इरफान हबीब आदि गए, ‘चीन्हो तो जानें’ आए

आईसीएचआर पैनलः रोमिला थापर, इरफान हबीब आदि गए, ‘चीन्हो तो जानें’ आए

जैसे चीजें चल रही हैं, भारतीय अनुसंधान परिषद का नाम जल्द ही भारतीय इतिहास गोलमाल परिषद कर देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर सबसे पहले पहचान की एक गड़बड़ी को लें। भारत के गजट में अधिसूचित किया गया कि किन्हीं वी.वी हरिदास को भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद का नया सदस्य नियुक्त किया गया है जो ‘कालीकट में इतिहास के प्रोफेसर’ हैं। जब इन हरिदास महाशय ने हिचकते हुए आईसीएचआर फोन करके कहा कि वह इससे बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं, तब पता चला कि यह वह हरिदास नहीं हैं जिनकी अनुशंसा मंत्रालय ने की थी। इतिहास में पीएचडी वी.वी हरिदास मंगलूर विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। लेकिन यह तो कोई दूसरे पी.टी हरिदास थे जिन्हें परिषद के लिए मनोनीत किया गया था हालांकि वह पी.एच.डी नहीं थे।
वृत्तचित्र व्यवसाय के व्यवधान

वृत्तचित्र व्यवसाय के व्यवधान

बहुत दिन नहीं बीते हैं, जब बीबीसी के लिए लेजली उडविन द्वारा बनाए गए एक वृत्तचित्र पर खूब हंगामा हुआ। संसद से लेकर सडक़ तक विरोध के स्वर गूंजे और शायद इसी बहाने पहली बार भारत में वृत्तचित्र पर इतनी बात हुई।
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