Advertisement

Search Result : "मुख्य सचिव आलोक रंजन"

चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

सुब्रह्मण्यम स्वामी राजनीति के नए खिलाड़ी नहीं हैं। उखाड़-पछाड़ का उनका रिकार्ड पुराना और प्रधानमंत्रियों-पार्टियों के लिए अग्निकुंड तैयार करने वाला रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ सरकार में बैठे 27 लोगों को ध्वस्त करने के उनके ऐलान पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।
चर्चाः चंदे पर पर्दानशीं रहने की कोशिश | आलोक मेहता

चर्चाः चंदे पर पर्दानशीं रहने की कोशिश | आलोक मेहता

महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत वाली कांग्रेस पार्टी हो या डॉ. हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय के अनुयायियों की भारतीय जनता पार्टी अथवा राममनोहर लोहिया के शिष्यों की समाजवादी पार्टी एवं जनता दल (यू)- चंदे का हिसाब-किताब सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक करने को तैयार नहीं हो रहे।
चैपल की सिफारिश जैसी गलती नहीं करूंगा : गांगुली

चैपल की सिफारिश जैसी गलती नहीं करूंगा : गांगुली

सौरव गांगुली के पास भारत के अगले मुख्य कोच के चयन की जिम्मेदारी है और इस पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्होंने 2005 में ग्रेग चैपल के नाम की सिफारिश करके जिस तरह की गलती की थी इस बार ऐसा कुछ नहीं करेंगे।
चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

21 जून को योग दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने का एक कारण दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति की पहचान भी है। बाहर वालों को ध्यान नहीं आएगा, लेकिन भारतीयों को याद आ जाना चाहिए कि 21 जून, 1991 को आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव की नींव राष्ट्रपति भवन में रखी गई थी।
अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर सकते हैं केजरीवाल

अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर सकते हैं केजरीवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली अंबानी समूह की बिजली वितरण कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार उनका लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है।
पाकिस्तान: ओम लिखी चप्पलें बेचने वाला व्यक्ति ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार

पाकिस्तान: ओम लिखी चप्पलें बेचने वाला व्यक्ति ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार

पाकिस्तान में पवित्र हिंदू शब्द ओम लिखी चप्पलें बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जूतों को भी जब्त कर लिया।
गवर्नर कोई भी रहे, रिजर्व बैंक चलता रहेगा: रघुराम राजन

गवर्नर कोई भी रहे, रिजर्व बैंक चलता रहेगा: रघुराम राजन

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि गवर्नर कोई भी हो, रिजर्व बैंक अपना काम करता रहेगा और इस पद की पहचान व्यक्तियों से नहीं की जानी चाहिए। राजन ने शनिवार को यह घोषणा कर सबको हैरान कर दिया था कि दूसरे कार्यकाल में उनकी रुचि नहीं है।
चर्चाः किराए की टीम से सत्ता की आशा | आलोक मेहता

चर्चाः किराए की टीम से सत्ता की आशा | आलोक मेहता

सवाल यह है कि गांव, मोहल्ले, कस्बे, शहर, महानगर में वर्षों तक रहने वाले पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता क्या स्थानीय मुद्दों, समस्याओं, क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले व्यक्तियों की जानकारी क्षेत्रीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेताओं को नहीं दे सकते हैं?
चर्चाः टैक्स वसूली के बदले सुविधा भी | आलोक मेहता

चर्चाः टैक्स वसूली के बदले सुविधा भी | आलोक मेहता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स अधिकारियों से कहा है कि वे करदाताओं की संख्या मौजूदा 5.43 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करें। इस समय 42 हजार अधिकारी सिर्फ 8 प्रतिशत टैक्स ही लाते हैं। उन्होंने टैक्स वसूली में डर के बजाय नरमी और संयम का वातावरण बनाने का आग्रह किया।