समान नागरिक संहिता और तीन तलाक को लेकर केंद्र सरकार के रूख का विरोध कर रहा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जल्द ही अपनी एक महत्वपूर्ण बैठक में इन दोनों मुद्दों पर आगे की रणनीति तय करेगा तथा अपने पक्ष में मुस्लिम समुदाय को लामबंद करने की मुहिम तेज करेगा। आगामी 18 और 19 नवंबर को कोलकाता में पर्सनल लॉ बोर्ड के शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक होने जा रही है। बोर्ड 20 नवंबर को शहर के पार्क सर्कस मैदान में एक रैली भी करेगा।
कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
‘हम मुस्लिम समुदाय के सामान्य नागरिक, कलाकार,बुद्धिजीवि, लेखक और कवि इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि भारत में मुस्लिम समुदाय विभिन्नताओं , मत-मतांतरों और विषमताओं से भरा है। मुसलमानों का की भी एक संगठन या जन समूह पूरे समुदाय की तरफ से बोलने का दावा नहीं कर सकता है।’ कॉन्सटीट्यूशन क्लब में तीन तलाक, यूनुफॉर्म सिविल कोड और समानता के लिए महिलाओं का संघर्ष विषय पर आयोजित गोष्ठी में यह बात सामने आई। यह गोष्ठी एडवा, अनहद और शिक्षा की ओर से आयोजित की गई थी।
बांग्लादेश में कम से कम 15 मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। असामाजिक तत्वों ने फेसबुक पर इस्लाम के प्रति असम्मान प्रदर्शित करने के आरोप लगाते हुए इस दुस्साहस को अंजाम दिया। घटना के बाद से इस मुस्लिम बहुल देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय में दहशत का आलम है।
तीन तलाक को लेकर चल रही बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज दावा किया कि देश भर की मुस्लिम महिलाएं शरिया कानून के तहत सुरक्षित महसूस करती हैं और वे समान नागरिक संहिता नहीं चाहतीं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तीन तलाक को समाप्त किए जाने का समर्थन करने और उसके स्थान पर समान नागरिक संहिता को लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि एेसा 2019 के आम चुनाव में लाभ उठाने के लिए मुसलमानों में भय का माहौल करने के वास्ते किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश का चुनाव जैसे जैसे नजदीक आते जा रहा है राजनीति भी अपना गजब रंग दिखाते जा रही है। राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान आने वाली तस्वीर पेश कर रहे हैं। इसी क्रम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बरेली में कहा है कि जिस दिन दलित-मुस्लिम एक हो जाएंगे, उस दिन हिंदुस्तान पर मुसलमानों की हुकूमत होगी।
मुसलमानों के बीच एक साथ तीन तलाक की व्यवस्था को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि समुदाय को तीन तलाक के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में भाजपा के लिए चुनावी माहौल तैयार करना शुरु कर दिया है। पीएम मोदी ने ‘तीन तलाक' के संवेदनशील मसले पर पहली बार खुलकर बोला है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। पीएम मोदी नेे कहा कि मीडिया तीन तलाक को राजनीतिक और सांप्रदायिक मुद्दा बनाने के बजाय कुरान के ज्ञाताओं को बैठाकर इस पर सार्थक चर्चा करवाये। पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश की बदहाली का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सूबे को उत्तम प्रदेश बनाना है तो जनता को इन दोनों पार्टियों के जाल से बाहर निकलना होगा।